- शहर में दस सड़कों का हो चुका है निर्माण

- प्लास्टिक की वजह से ज्यादा मजबूत होती है रोड

VARANASI

आपको सुनने में भले ही आश्चर्य लगे, लेकिन पर्यावरण और शरीर के लिए नुकसानदेह प्लास्टिक यूजफुल भी है। बाजारों से जब्त प्लास्टिक को रिसाइकिल कर सड़क बनाने में यूज किया जा रहा है। नगर निगम ने शहर की दस सड़कों का प्लास्टिक मिक्स कर निर्माण करवाया है। निगम के इंजीनियर्स के मुताबिक प्लास्टिक की वजह से सड़कें ज्यादा मजबूत होती हैं।

ऐसे होता है प्लास्टिक का यूज

दरअसल, अभियान आदि के दौरान बाजारों से जो प्लास्टिक जब्त की जाती है। उसे दिल्ली स्थित एक कम्पनी में भेजकर रिसाइकिल करवाया जाता है। जिससे प्लास्टिक के दानों का निर्माण होता है। रोड्स के निर्माण के समय तारकोल के साथ प्लास्टिक के दानों को मिक्स कर दिया जाता है। फिर सड़क बनाने में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

रोड्स का 'दुश्मन' है पानी

बारिश, सीवर व नालियों से निकला पानी सड़कों की लाइफ कम कर देता है। इसका नतीजा है कि समय से पहले ही सड़कें खराब हो जाती हैं। सड़क पर जमा पानी गिट्टियों को उखाड़ देता है। इससे रोड की सतह कमजोर हो जाती है। फिर धीरे-धीरे उखड़ने लगती है। इंजीनियर्स के मुताबिक प्लास्टिक की पकड़ मजबूत होती है। ऐसे में इन सड़कों की लाइफ बढ़ जाती है। पानी का भी इनपर खास असर नहीं होता है। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता आशुतोष सिंह ने बताया कि प्लास्टिक मिक्स रोड विभाग के मानक में नहीं आती है। विभाग सिर्फ सीसी रोड और पिच रोड ही बनवाता है। जिसमें सीमेंट, कंक्रीट, तारकोल आदि का प्रयोग किया जाता है।

इन सड़कों का निर्माण

- बादशाह बाग कॉलोनी

- अम्बालिकापुरी कॉलोनी

- नगर निगम तिराहे से छित्तूपुर

- बड़ी पियरी में लिंक मार्ग

- अशोक नगर कॉलोनी

- नवोदित नगर-महमूरगंज

- श्रीराम नगर कॉलोनी

- दुर्गाकुंड स्थित निगम जोन ऑफिस

- गोकुल नगर कॉलोनी

- संत रघुवर नगर कॉलोनी

एक नजर

- 10 सड़कों का सिटी में निर्माण

- 8 फीसदी प्लास्टिक होती है मिक्स

- 1 से 3 किलोमीटर तक बनी रोड्स

- 4 साल होती है सड़क की लाइफ

- 100 से ज्यादा सड़कें हैं निगम की

प्रयोग के तौर पर प्लास्टिक के दानों को मिलाकर सड़कें बनाई गई हैं। नई दिल्ली से दाने मंगाए जाते हैं। इन सड़कों की अपेक्षाकृत मजबूती ज्यादा होती है।

एके श्रीवास्तव, एक्सईएन, नगर निगम