ये बात सचिन ने अपने अंतिम रणजी मैच से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड, बीसीसीआई,की आधिकारिक वेबसाइट को दिए एक इंटरव्यू में कही.

सचिन ने कहा, "रणजी ट्रॉफ़ी में अच्छे प्रदर्शन से चयनकर्ताओं की नज़र में आने में मदद मिलती है. लेकिन इससे ये पक्का नहीं होता कि आपको भारतीय क्रिकेट टीम में जगह मिल ही जाएगी क्योंकि आपको राष्ट्रीय टीम की संरचना भी देखनी होती है और ये भी कि क्या आप चयनकर्ताओं और कप्तान के हिसाब से टीम के लिए सही हैं या नहीं."

सचिन टेस्ट  क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर चुके हैं. वे नवंबर में वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ मुंबई में अपना 200वां और आखिरी टेस्ट मैच खेलेंगे. इससे पहले वो वनडे और ट्वेन्टी-20 से भी संन्यास ले चुके हैं.

सात गेंदे, पांच रन

रणजी में अच्छा प्रदर्शन भारतीय टीम की गारंटी नहीं: सचिन तेंदुलकर

वैसे रविवार को अपने आखिरी रणजी मैच की पहली पारी में सचिन तेंदुलकर सिर्फ़ पांच रन बनाकर ही आउट हो गए.

हरियाणा के ख़िलाफ़ लाहली में खेले जा रहे मैच के पहले दिन मुंबई की पहली पारी में सचिन तेंदुलकर आठ मिनट क्रीज़ पर रहे जिस दौरान उन्होंने सात गेंदों का सामना किया और एक चौक्का मारा.

लेकिन वे ज़्यादा देर तक नहीं टिक पाए और मोहित शर्मा की गेंद पर आउट हो गए.

"रणजी ट्रॉफ़ी में अच्छे प्रदर्शन से चयनकर्ताओं की नज़र में आने में मदद मिलती है. लेकिन इससे ये पक्का नहीं होता कि आपको भारतीय क्रिकेट टीम में जगह मिल ही जाएगी."

-सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर ने दिसंबर 1988 में 15 साल और 230 दिन की उम्र में गुजरात के ख़िलाफ़ अपना पहला रणजी मैच खेला था. इस मैच में उन्होंने नाबाद शतक बनाया था. इसके साथ ही अपने पहले ही फर्स्ट क्लास मैच में शतक लगाने वाले वह सबसे कम उम्र के भारतीय बन गए थे.

'रणजी में कड़ा मुक़ाबला'

रविवार के मैच से पहले मुंबई की ओर से सचिन 37 बार रणजी ट्रॉफ़ी में खेले हैं. ऐसे बल्लेबाज़ जिन्होंने इस टूर्नामेंट में 50 पारियां खेली हैं, उनमें सचिन का 87.43 का बल्लेबाज़ी औसत सबसे ज़्यादा है.

सचिन का मानना है रणजी टूर्नामेंट में बेहतरीन खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं और इस टूर्नामेंट के स्तर को बेहतर बनाने के लिए लगातार कोशिश की जानी चाहिए.

सचिन ने बीसीसीआई इंटरव्यू में कहा, "(रणजी) में कड़ा मुक़ाबला होता है और ऐसा होना भी चाहिए. खेलने के लिए बढ़िया ट्रैक और अच्छी विपक्षी टीम होनी चाहिए, इस सबसे खेल का स्तर बढ़ता है."

उन्होंने आगे कहा, "अगर कोई अच्छी टीम के ख़िलाफ़ बढ़िया प्रदर्शन करता है तो उसके प्रदर्शन को मान्यता मिलनी चाहिए और मुझे यक़ीन है कि चयनकर्ता ज़्यादातर मैच देखने की कोशिश करते हैं. इस टूर्नामेंट में शीर्ष खिलाड़ियों का खेलना एक बोनस है."

सचिन तेंदुलकर जब भी रणजी ट्रॉफ़ी में खेले हैं, मुंबई कभी भी वो मैच नहीं हारी है.

सचिन तेंदुलकर ने रविवार से पहले रणजी ट्रॉफ़ी के 37 मैचों में 4197 रन बनाए जिनमें 18 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं.

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