- राय उमानाथ बनी प्रेक्षागृह में किया गया नाटक का मंचन

LUCKNOW: हास्य नाटक कंजूस ने ऊट पटांग संवादों और बेहतरीन अभिनय ने लोगों को खूब हंसाया। आकांक्षा थियेटर आ‌र्ट्स के नाटक का मंचन राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में किया गया। मौलियर की रचना और अशोक लाल के निर्देशन में इस नाटक को दो महीने की कार्यशाला में तैयार किया गया। नाटक कंजूस में मुख्य पात्र मिर्जा सखावत बेग जो कि विधुर है और अपने बेटे फर्रुख तथा बेटी अजरा के साथ रहते हैं। मिर्जा के घर में इन तीनों के अतिरिक्त घरेलू नौकर नासिर और बावर्ची अल्फू भी रहते हैं। नासिर मिर्जा की बेटी अजरा से बेपनाह मोहब्बत करते हैं तथा मिर्जा का बेटा मरियम नाम की लड़की को चाहता है। मिर्जा स्वभाव से बहुत ही कंजूस होने के साथ-साथ शक्की मिजाज का है। अपने ही घर के बगीचे की जमीन में दस हजार अशर्फियां दबाकर रखे हैं। मिर्जा को हमेशा इस बात का शक होता है कि उसके घर के नौकर कहीं उसकी रकम चुरा न ले। इसलिए वह नंबू नौकर से कहता है कि वह लोगों को यह न बताता फिरे कि उसके बाग में अशर्फियां रखी हैं। इधर फर्रुख और अजरा मोहब्बत की दास्तान सुनाकर शादी की योजना बनाते हैं। इसी बीच मिजऱ्ा वहां पहुंचकर अपनी शादी के बारे में फर्रुख और अज़रा से राय पूछता है। लेकिन नाटकीय स्थिति तक पैदा होती है जब फर्रुख को यह पता चलता है कि मिर्जा मरियम से खुद ही निकाह करना चाहता है दोनों बाप बेटे में खूब कहा सुनी होती है। लेकिन मिर्जा अपने इरादे से टस से मस नहीं होते हैं और साथ ही साथ मिर्जा अपनी बेटी अजरा का निकाह असलम साहब के करवाने की जिद् पर उतर आते हैं। ऐसी स्थिति में नासिर मिर्जा की बेटी अजरा को समझाता है कि इस नाजुक मौके पर उनकी हां में हां मिलना ही उसके लिए बेहतर होगा। इसी उठा पटक और हास्य संवादों के बीच नाटक के अंत में सभी अपनी अपनी मोहब्बत को पाने में कामयाब हो जाते हैं। अशोक लाल, अचला बोस, दीपिका श्रीवास्तव समेत अन्य कलाकारों ने दर्शकों को खूब हंसाया।