खेल के मैदान पर जब किस्मत अपना खेल दिखाने लगती हैतब नजर आता है सिर्फ एक ही खेलमौत। जी हां, चोट लगने की वजह से कभी न खेल पाने का डर एक प्लेयर को मौत के मुंह तक ले आया। उसने गर्दन की नस काटकर अपने जीवन से 'खेलने की कोशिश की। मगर, इस खेल के रेफरी (भगवान) ने उसे जिंदगी के मैदान से आउट नहीं होने दिया। समय पर ट्रीटमेंट मिलने की वजह से डर से हारा यह प्लेयर मौत से जीत गया।

मौत का खेल खेलने वाला ईदगाह, कुतलुपुर निवासी 22 वर्षीय अमरदीप पुत्र दीपचंद है। मंडे नाइट को अमरदीप ने सुसाइड करने की कोशिश की। अमरदीप ताइक्वांडो का प्लेयर है। वह दो बार स्टेट लेवल पर खेल चुका है। मगर, वह कोई मेडल हासिल नहीं कर सका था। पिछले दो साल से वह एक्लव्य स्पोट्र्स स्टेडियम में प्रैक्टिस कर रहा है।

डिस्ट्रिक लेवल पर उसका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। कई खिताब जीतने के बाद ही उसे स्टेट में खेलने का मौका मिला था। अमरदीप की लगन के उसके गुरु भी कायल हैं। चार भाइयों में सबसे छोटे अमरदीप ने ताइक्वांडो को ही अपना जीवन बना लिया था। उसे कोई दूसरा शौक नहीं था। घर से स्टेडियम और स्टेडियम से घर, यही थी उसकी दिनचर्या।

काट ली गर्दन की नस

मंडे नाइट को अमरदीप रोज की तरह अपने कमरे में सोने गया। रात को ही किसी वक्त ब्लेड से उसने गर्दन की नस काटकर सुसाइड करने की कोशिश की। ट्यूजडे मॉर्निंग लगभग साढ़े सात बजे अमरदीप की छोटी सिस्टर पूनम अपने भाई को चाय देने के लिए उसके कमरे में गई। जैसे ही उसने कमरे का दरवाजा खोला तो फर्श पर खून बिखरा देख उसका माथा ठनका। बेड से खून टपकता देख उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं। रजाई खून से सनी हुई थी।

पूनम की चीख सुन परिजन भी मौके पर पहुंच गए। रजाई हटाकर देखी तो परिजनों के भी होश उड़ गए। अमरदीप की गर्दन की नस कटी हुई थी। पास में ही खून लगा एक ब्लेड पड़ा हुआ था। आनन-फानन में परिजन अमरदीप को इमरजेंसी लाए। यहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

क्यों उठाया उसने यह कदम?

अमरदीप के कोच और जानकारों का कहना है कि पिछले काफी दिनों से वह डिप्रेशन में था। दरअसल, पिछले दिनों प्रैक्टिस के दौरान उसकी पसली में चोट आ गई थी। इस चोट की वजह से उसके असहनीय दर्द होता था। इस वजह से वह लगभग एक महीने से प्रैक्टिस के लिए स्टेडियम भी नहीं जा पा रहा था। इस चोट को उसने कई डॉक्टर्स को भी दिखाया था।

लेकिन, उन्होंने इसका इलाज दिल्ली कराने के लिए कहा था। अमरदीप इतना अफोर्ड नहीं कर सकता था। इसलिए वह डिप्रेशन में आ गया था। उसके करीबियों का कहना है कि अमरदीप को डर बैठ गया था कि उसकी चोट कभी ठीक नहीं हो पाएगी और वह कभी खेल नहीं पाएगा। इसकी वजह से उसने सुसाइड जैसा कदम उठाया। यह कदम उठाने से पहले अमरदीप ने अपने पिता के लिए एक लेटर भी लिखा, जिसमें उसने अपनी चोट से परेशान होने की बात लिखी है।

सकते में खेल जगत

एक प्लेयर द्वारा की गई सुसाइड की खबर ट्यूजडे दोपहर तक खेल जगत में फैल चुकी थी। पहले तो किसी को यकीन नहीं हुआ कि अमरदीप इस तरह का कदम भी उठा सकता है। अमरदीप के कोच रघुनाथ का कहना है कि अमरदीप एक सिंसईयर प्लेयर है। वह काफी पंचुअल है।

प्रैक्टिस के लिए वह कभी लेट नहीं होता था। इसी लगन की वजह से कम समय में ही वह काफी अच्छा प्लेयर बन गया था। कोच का मानना है कि अमरदीप अगर खेलता रहा तो वह एक दिन बहुत अच्छा प्लेयर साबित होगा।