- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने चुनाव पर आयोजित की चाय पर चर्चा

- लोगों ने रखी अपनी राय, मेरठ के लिए कानून-व्यवस्था बड़ा मुद्दा

Meerut । चुनाव की घडि़यां करीब आते ही चुनावी चर्चाएं भी तेज हो गई है। जहां देखो रैली हो रही है और चुनाव पर ही बाते चल रही हैं। जिसे देखिए वह इस समय चुनावी रंग में रंगे हुए हैं। शहरवासी जहां चुनावों को लेकर विभिन्न तरह के अनुमान लगा रहे हैं, वहीं व्यापारियों में भी एक अलग ही माहौल बना हुआ है। बृहस्पतिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के ऑफिस में हुई चाय की चर्चा में व्यापारियों ने अपने विचार रखें।

चाय की प्याली को उठाते हुए सुमित बोले स्थानीय नेता तो दूसरे किसी को सामने नहीं आने दे रहें हैं। यहीं कारण है आज कोई नया युवा राजनीति में आगे नहीं आ पा रहा है। रजनीश कौशल ने कहा कि लीडरशिप किताबों से नहीं, बल्कि अंदर से आती है। इसलिए नेता वही है, जो काम करे और जनता के हित की बात करे। वहीं पंकज बोले कि मेरे हिसाब से तो कई बार टिकट देने का चक्कर खत्म कर देना चाहिए, ऐसा नियम बने जिससे यूथ को मौका मिले और नई सोच सामने आए।

- चाय की चुस्की लेकर पुनीत बोले कि चुनाव में काफी मुद्दे उठाए जा रहे हैं, लेकिन व्यापारियों की सुरक्षा कौन करेगा? इसकी किसी से बात नहीं हो रही है। यूपी में लूटेरों और गुंडों का राज चल रहा है, जिससे सबसे अधिक पीडि़त व्यापारी है। रजनीश कौशल की राय थी कि अच्छे लोगों को तो कोई टिकट ही नहीं दे रहा है और वोटिंग करना भी जरुरी है। नोटा का ऑप्शन दबाना भी बेकार है। अब करें भी तो क्या करें? ऐसे में अपनी पार्टी के साथ ही जाना ठीक है।

- अभी आगे रजनीश कुछ बोलते कि तभी प्रदीप भी हां में हां मिलाते हुए बोले कि इस बार डगर उतनी आसान नहीं है, लेकिन वोटिंग न करना भी कोई सॉल्यूशन नहीं है। किशन की राय थी कि नोटबंदी से कोई नुकसान नहीं हुआ है, अगर पार्टियां इतनी मजबूत हैं तो उन्हें गठबंधन की जरुरत क्यों पड़ती है। तभी चाय का कप रखते हुए मनोज शर्मा बोले कि मेरे हिसाब से तो गठबंधन अलाउड ही नहीं होना चाहिए। इतना सुनते ही आगे हसीन अहमद बोले भाई बात तो सही बोली है। पार्टियों को अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहिए।

- थोड़ा सा तल्ख लहजे में प्रवीण गोयल बोले कि इस बार ऐसा नेता चुनना है जो वेस्ट यूपी की जन समस्याओं से निजात दिला सके। प्रवीण को रोकते हुए पंकज ने कहा कि देखिए समस्याएं तो बहुत हैं। जैसे जाम की समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाता है, लेकिन यहां पर समस्याओं की नहीं जातिवाद व धर्म के नाम पर वोट मांगा जाता है। तभी मनोज शर्मा बोले अजी मेरे हिसाब से तो वोटर लिस्ट में सरनेम हीं नहीं होना चाहिए, क्योंकि वोटर लिस्ट में सरनेम को देखकर ही प्रत्याशी खड़े किए जाते हैं। न सरनेम होंगे न जातिवाद की बात होगी। इतने में रजनीश बोले मेरे हिसाब से राष्ट्रीय स्तर पर विचार कर सरकार का चुनाव करना चाहिए। क्योंकि अन्य पार्टियों को तो आजमाकर देख लिया है, एकबार ऐसा भी करके देखना चाहिए।

आजकल तो प्रत्याशियों को थोपा जा रहा है। वोट न करना भी गलत है, ऐसे में पार्टी के साथ जाते हुए मजबूरी में थोपे गए प्रत्याशियों को वोट करना पड़ता है।

-रजनीश कौशल, व्यापारी

सभी मुद्दों पर बात हो रही है, लेकिन महिला शोषण व सुरक्षा पर कोई पार्टी बात नहीं कर रही है। जो कि यूपी में सबसे ज्यादा है।

-पंकज चंडालिया, व्यापारी

नोटबंदी का चुनाव पर कोई असर नहीं होगा, क्योंकि नोटबंदी को गलत फैसला नही है। एकबार हमें राष्ट्रीयता के आधार पर वोट करके देखना चाहिए, ताकि कुछ नया हो।

-मनोज शर्मा, व्यापारी

आरक्षण की बात हो रही है, मेरे हिसाब से तो केवल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा आदि में लाभ मिलना चाहिए। न कि जॉब में। जॉब तो योग्यता के आधार पर ही मिलनी चाहिए।

-पुनीत राजपूत, व्यापारी