RANCHI : तुपुदाना ओपी के हुडिंगदाग बस्ती के समीप आमबागान बड़ पहाड़ में दो आपराधिक गिरोह के बीच हुए खूनी खेल में छह युवक मारे गए। सोमवार की रात इस खौफनाक घटना को अंजाम दिया गया। इस दौरान गोलियों की तड़तड़ाहट से घंटों तक पूरा इलाका थर्राता रहा। आशंका है कि पीएलएफआई के संदीप साहू गैंग ने अपराधी जाकिर हसन गिरोह के छह युवकों को एके-47 से छलनी किया है। इसकी सूचना मिलते ही रांची के एसएसपी कुलदीप द्विवेदी और खूंटी एसपी पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। पुलिस ने मौके पर से एक दर्जन खोखा, आठ जिंदा कारतूस, तीन बाइक और कई मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

वर्चस्व की चल रही थी लड़ाई

पीएलएफआई ने जिन युवकों को गोलियों से छलनी किया, उनमें धुर्वा के नचियातु का राजा, पिठोरिया स्थित बाढ़ू का परवेज अंसारी, खूंटी के सिल्दा का अनिल पाहन, अमन यादव, मनीष पाहन और जाकिर हुसैन अंसारी शामिल है। एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि इस इलाके में वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी, जिसमें ये सभी मारे गए हैं। मारे गए सभी युवक आपराधिक संगठन से जुड़े थे। पूर्व में इनका संबंध पीएलएफआई से भी था।

बाजार से लौट रहे थे घर

पीएलएफआई ने जाकिर हसन गिरोह के अपराधियों पर उस वक्त हमला बोला, जब वे जीरो माइल स्थित साप्ताहिक हाट से वापस अपने घर लौट रहे थे। खूंटी के एसपी अनीष गुप्ता ने बताया कि दुर्गम इलाका होने की वजह से इस हत्याकांड का जानकारी पुलिस को समय पर नहीं मिल सकी। पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ऑपरेशन चला रही है। जल्द ही इस हत्याकांड को अंजाम देने वाले सभी अपराधी पकड़े जाएंगे.उन्होंने बताया कि इस इलाके में आपराधिक घटनाओं को रोकने के लिए एक-दो पुलिस पिकेट बनाए जाएंगे।

संदीप साहू गिरोह का हाथ

सूचना के मुताबिक, मो जाकिर और उसके गिरोह के पांच सदस्यों पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप का दाहिना हाथ माने जाना वाला संदीप साहू गैंग ने भूना है। संदीप खूंटी थाना क्षेत्र के दाड़ी गांव का रहनेवाला है। बताया जाता है कि मो जाकिर ने पीएलएफआई के नाम से क्रशर व्यवसायी, ठेकेदार समेत कई कंस्ट्रक्शन कंपनी से 20 लाख रूपए से अधिक की लेवी वसूल की थी, लेकिन लेवी की रकम कमांडर तक नहीं पहुंचाई गई। ऐसे में पीएलएफआई सुप्रीमो ने जाकिर की हत्या करने का जिम्मा संदीप साहू को दिया था।

रांची और खूंटी पुलिस में नहीं है तालमेल

दो आपराधिक गिरोहों के बीच यह खूनी खेल रांची और खूंटी जिले के बॉर्डर पर हुआ। पहले भी यहां आपराधिक घटनाएं होती रही हैं, लेकिन हमेशा ही दोनों जिलों के पुलिस के बीच अपराधियों पर लगाम कसने को लेकर तालमेल की कमी रही है। डीआईजी आरके धान कहते हैं कि दोनों जिलों के सीमा का यह क्षेत्र कहीं न कहीं उपेक्षा का शिकार हुआ है। इसी कारण इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने इलाके में नक्सलवाद के खिलाफ ऑपरेशन तेज करने की बात कही। दोनों जिले के पुलिस कप्तान और इलाके के डीआईजी तथा एसटीएफ की ओर से रणनीति बनाकर अभियान को और तेजी से चलाया जाएगा। कुछ नए पिकेट बनेंगे, ताकि दोनों जिले के पुलिस के बीच समन्वय और बेहतर हो सके।