चौपहिया वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाने के नाम पर वसूली

30 रूपये की रिफ्लेक्टर पट्टी के लिए वसूल रहे 100 से 130 रुपये

Meerut। आरटीओ में रिफलेक्टर पट्टी के नाम पर मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। दरअसल, आरटीओ परिसर में फिटनेस के लिए आए वाहनों को अनफिट करार देकर उन पर जबरन लाल व पीली पट्टियां लगाई जा रही हैं। यहीं नहीं इसके एवज में वाहन स्वामियों से मनमाफिक दाम वसूले जाते हैं।

एजेंट्स के हाथ में व्यवस्था

हालत यह है कि फिटनेस के दौरान वाहन की बॉडी से लेकर शीशे, चेसिस, टायर, कलर समेत नंबर प्लेट, रिफलेक्टर और आवश्यक चिन्ह की जांच की जाती है। ऐसे में यदि किसी वाहन पर नया रिफलेक्टर नहीं लगा होता तो उसे अनफिट करार दे दिया जाता है। इस कमी को दूर करने के लिए परिसर में मौजूद एजेंट तुरंत वाहन मालिक से रिफलेक्टर लगाने के लिए सौदा करने लगते हैं। यदि वाहन स्वामी दलालों की बात नहीं मानता तो उसके वाहन को फिटनेस सर्टिफिकेट भी नहीं मिलता।

वसूल रहे मनमानी कीमत

अधिकारियों की मिलीभगत से विभाग में मौजूद दलाल महज 30 रूपये मीटर बाजार में बिकने वाली रिफलेक्टर पट्टी को 100 से 130 रूपये मीटर तक बेंच रहे हैं। यदि किसी गाड़ी में पहले से ही रिफलेक्टर लगा हो तो उसे बेकार या नकली बताकर नया लगाने के लिए दबाव बनाया जाता है।

दल में दलाल

फिटनेस के दौरान आरआई टेक्नीकल के साथ चपरासी व वाहनों पर कलर करने से लेकर रिफलेक्टर लगाने और चेसिस नंबर चेक करने वाले कई एजेंट मौजूद रहते हैं। इनका काम केवल फिटनेस के काम में कमी निकालकर वसूली करना रहता है। जबकि विभागीय स्तर पर इन्हें ऐसी कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है।

कुछ लोग कलर, रिफलेक्टर आदि का काम करते हैं। यह बाध्यता नहीं है कि उनसे ही सामान लिया जाए। वाहन स्वामी को यदि सामान महंगा लगता है तो वह बाहर से भी ले सकता है। सामान बस क्वालिटी मानकों के अनुसार होना चाहिए। इन एजेंट का फिटनेस से कोई लेना-देना नहीं है।

चंपा लाल, आरआई टेक्नीकल

गाड़ी पर रिफलेक्टर लगा होने के बाद भी उसे बेकार बताकर नया रिफलेक्टर लगाने के लिए कहा गया। मजबूरी में वहीं के एक एजेंट से रिफलेक्टर लगवाया।

शहजाद

बाहर के कुछ एजेंट मनमाने दाम पर रिफलेक्टर और कलर के लिए मनमाने पैसे वसूलते हैं। जब तक उनसे ही काम नही कराओ तब तक फिटनेस नही मिलती।

दीपक

फिटनेस के नाम पर जबरन परेशान किया जाता है। जो मानक पूरे भी हैं उनमें कमी निकाली जाती है।

विकास