-स्पो‌र्ट्स हॉस्टल में 80 रुपए में मिल रहा है हर दिन का भोजन

-मानक पर कॉन्ट्रेक्ट को लेने को कोई कॉन्ट्रेक्टर तैयार नहीं

-महंगाई और डाइट चार्ट को देख तैयार नहीं कांट्रेक्टर

DEHRADUN : किसी भी देश और राज्य की प्रगति में खेल का एक अपना एक अहम रोल होता है। कोई खिलाड़ी जब खेल में बेहतर करता है तो उसके राज्य और देश दोनों को इंटरनेशनल लेवल पर पहचान मिलती है। अमूमन देखा गया है कि जिस शहर या राज्य में कोई इंटरनेशनल लेवल की चैंपियनशिप होती है तो वह रातों-रात फर्श से अर्स पर आ जाता है। खेलों की ओर नजर डाले तो उत्तराखंड के प्लेयर्स न केवल अपने राज्य में, बल्कि इससे बाहर नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर लगातार बेहतर प्रदर्शन करते जा रहे हैं, लेकिन खेलों के प्रति यहां की गवर्नमेंट का कोई ठोस नजरिया देखने को नहीं मिला है।

80 रुपए में तीन टाइम खाना

खेल विभाग अपने खिलाडि़यों से नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर गोल्ड मेडल जीतने का भरोसा तो रखता है, लेकिन बदले में इन खिलाडि़यों को महज 80 रुपए का डाइट ही मिल पाता है। हालांकि डिपार्टमेंट ने 150 रुपए पर डे के हिसाब से डाइट देने का मानक रखा हुआ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कई हॉस्टल में तो डाइट चार्ट को देखकर 150 रुपए (प्रति खिलाड़ी प्रति दिन) के हिसाब से कोई टेंडर लेने को तैयार नहीं है। इतनी मंहगाई में 150 रुपए में हर दिन तीन टाइम का खाना खिलाना कॉन्ट्रेक्टर को भारी पड़ रहा है। नतीजतन कई डिस्ट्रिक्ट स्पो‌र्ट्स हॉस्टल्स में को-ऑपरेटिव मेस की व्यवस्था कर खिलाडि़यों को तीन टाइम का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जहां मात्र 80 रुपए पर डे के हिसाब से प्लेयर्स को भोजन उपलब्ध हो पाता है।

नहीं मिलता फूड सप्लिमेंट

इसके अलावा इन्हें फूड सप्लिमेंट तक भी उपलब्ध नहीं हो पाता है। जब खेल के हिसाब से हर खिलाड़ी को फूड सप्लिमेंट दिया जाना चाहिए। फूड सप्लिमेंट से आम भोजन से कई गुना अधिक एनर्जी मिलती है। आमूमन एक प्लेयर को हर दिन करीब 3500-4000 कैलोरी की आवश्यकता होती है। जो 80 रुपए और 150 रुपए में पूरा होना असंभव है। अब भला जिन प्लेयर्स को अच्छी डाइट और फूड सप्लिमेंट उपलब्ध नहीं हो रहा है। उनसे हम कैसे मेडल की उम्मीद रखें। मार्केट में भी नार्मल थाली की बात की जाए तो वह भी 50 से 60 रुपए पर प्लेट पड़ती है। इस हिसाब से 3 टाइम का खाना तो 150 से 180 रुपए में मिलता है। फिर यह तो फ्यूचर में मेडल झटकने वाले प्लेयर्स हैं। इन्हें तो एक आम इंसान से कहीं अधिक कैलोरी की जरूरत होती है।

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उत्तराखंड में कहां है खेल हॉस्टल

उत्तराखंड में देहरादून, हल्द्वानी, पिथौरागढ़, कोटद्वार, अगस्त्यमुनि एरिया में स्पो‌र्ट्स हॉस्टल हैं। प्रत्येक हॉस्टल में करीब दो दर्जन से अधिक प्लेयर हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में एक मात्र स्पो‌र्ट्स कॉलेज हैं जहां डिस्ट्रिक्ट स्पो‌र्ट्स हॉस्टल की तरह ही प्लेयर की डाइट का मानक है।

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ऐसा होता है डाइट चार्ट

नाश्ता- ब्रेड 4 पीस, मक्खन-20 जीएम, दलिया, अंडा, फल, दूध-200 एमएल

लंच-दाल, चावल, सब्जी, सलाद, दही शाम को 200एमएल दूध दिया जाता है।

डिनर- रोटी, सब्जी, सलाद, दाल, पनीर, नॉनवेज (चिकन और मटनन)

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नेशनल लेवल पर तीन गुनी राशि

नव नियुक्त केन्द्रीय खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने थर्सडे को कॉमवेल्थ खेलों की तैयारियों का जायजा लेते हुए प्लेयर्स के फूड सप्लिमेंट को लेकर कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाया। काफी लंबे समय से स्पो‌र्ट्स एसोसिएशन द्वारा फूड सप्लिमेंट की राशि बढ़ाने की मांग की जा रही थी। ऐसे में खेल मंत्री ने फूड सप्लिमेंट की राशि तीन गुनी बढ़ाते हुए ख्भ्0 रुपए से 7भ्0 रुपए करने का निर्देश भी दिया। लेकिन, यह मात्र उन्हीं प्लेयर्स को दिया जाएगा जो किसी इंटरनेशनल चैंपियनशिप के लिए इंडिया कैंप में शामिल होंगे। इधर उत्तराखंड में जब नॉर्मल डाइट ही उपलब्ध नहीं है तो राष्ट्रीय मानकों का क्या होगा कहा नहीं जा सकता है।