सीएम हरीश रावत ने अरुण जेटली से फिर मांगा विशेष दर्जा

- दिल्ली में हुई मुलाकात में फाइनेंस मिनिस्टर को सीएम ने दिया पूरा लेखा-जोखा

- विशेष दर्जा नहीं मिलने पर स्टेट को होने वाली आर्थिक हानि के चलते कर्ज लेने की मजबूरी बताई

- 1300 करोड़ रुपये के वित्त लाभ के सामने 3 हजार करोड़ रुपये का नुकसान भी गिनाया

DEHRADUN: सेंट्रल गवर्नमेंट की तरफ से मिलने वाले पैसे के सिस्टम में आया बदलाव उत्तराखंड स्टेट के हर नागरिक को 'कर्जदार' बना सकता है। क्ब्वें वित्त आयोग के सिस्टम से स्टेट को लाभ में मिलने वाले हिस्से और सेंट्रली फाइनेंस्ड प्लानिंग्स में घटने वाली रकम के बीच लगभग क्भ्00 करोड़ रुपये के भारी-भरकम अंतर के अंकगणित का यही असर सेंट्रल फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली से मंडे को दिल्ली में हुई मुलाकात में सीएम हरीश रावत ने उन्हें समझाया।

विशेष दर्जा और सहयोग नहीं तो होंगे कर्जदार

उत्तराखंड स्टेट को सेंट्रल गवर्नमेंट की तरफ से विशेष दर्जा बरकरार रखने की डिमांड मंडे को दिल्ली में सेंट्रल फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली से चीफ मिनिस्टर हरीश रावत ने की। सीएम ने जेटली को समझाया कि सेंट्रल गवर्नमेंट के नए फंडिंग पैटर्न के चलते स्टेट को होने वाले बहुत बड़े फाइनेंशियल नुकसान के चलते उन्हें अपने यहां डेवलपमेंट को कर्ज का सहारा लेना पड़ेगा, जिसका बोझ स्टेट के हर आदमी पर पड़ेगा।

क्ब्8भ् करोड़ रुपये का है नुकसान

सीएम के अनुसार, उत्तराखंड को वर्तमान केंद्रीय करों में क्फ्क्भ् करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। स्टेट को ख्0क्ब्-क्भ् में मिले ख्भ्भ्0 करोड़ में यदि क्0 प्रतिशत वृद्धि की जाए तो स्टेट को ख्0क्भ्-क्म् में सेंट्रल गर्वमेंट से लगभग ख्800 करोड़ रुपये मिलने चाहिए थें, लेकिन केंद्रीय योजनाओं में कटौती करने या फिर इनमें से कई को बंद करने के चलते यह धनराशि नहीं मिलेगी। ऐसे में स्टेट को इस फाइनेंशियल ईयर में सीधे तौर पर लगभग क्ब्8भ् करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

क्ब्वें वित्त आयोग ने माना है नुकसान

सीएम ने अरुण जेटली से स्टेट को होने वाले नुकसान की बात क्ब्वें वित्त आयोग की संस्तुति में भी शामिल होने का हवाल दिया और स्टेट का विशेष दर्जा दोबारा बहाल करते हुए 90:क्0 के अनुपात में पुराने पैटर्न से ही फंडिंग कराने की मांग रखी। ऐसा नहीं होने की हालत में उन्होंने नीति आयोग के फ्लेक्सी फंड से इस हानि को पूरा कराने की मांग की।

अ‌र्द्धकुंभ के लिए मांगे म्00 करोड़

सीएम ने अगले साल हरिद्वार में होने वाले अ‌र्द्धकुंभ के विकास कार्य पूरे कराने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट से तत्काल म्00 करोड़ रुपये देने की मांग की। साथ ही क्फ्वें वित्त आयोग की संस्तुति में से रूकी हुई क्ब्0 करोड़ रुपये की डेवलपमेंट मनी भी तत्काल दिलाने को कहा। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने क्ब्वें वित्त आयोग की संस्तुतियों पर सकारात्मक निर्णय लेने और अ‌र्द्धकुंभ की धनराशि शीघ्र जारी कराने का आश्वासन सीएम हरीश रावत को दिया है।

यह है मांग का आधार

- क्ब्वें वित्त आयोग में बिना पूरे सर्वे के बदल दिया गया है स्टेट को होने वाला फंडिंग पैटर्न

- आयोग ने राजस्व आकलन ख्0क्ब्-क्भ् की सकल राज्य घरेलू उत्पाद दर से लिया है

- यह दर स्टेट में ख्00ब्-0भ् से ख्0क्फ्-क्ब् तक की प्रगति के आधार पर थी, जो इस दौरान सेंट्रल गवर्नमेंट की तरफ से उत्तराखंड को नया स्टेट बनने से मिले विशेष पैकेज के कारण अधिक थी

- सीएम का दावा है कि इस फाइनेंशियल ईयर से विशेष पैकेज खत्म होने के कारण गिर गई है सकल राज्य घरेलू उत्पाद दर

- ख्0क्फ् में आई केदारनाथ आपदा के चलते टूरिज्म घटा और ख्भ् परसेंट इकोनॉमी डिस्टर्ब हो गई

- टूरिज्म उद्योग डिस्टर्ब होने से उपभोग स्तर घटा, जिससे वैट, स्टेट टैक्स, व्हीकल टैक्स, होटल टैक्स भी घट गया

- स्टेट की कठिन ज्योग्राफिकल कंडीशंस के चलते राजस्व प्राप्ति कम है, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और केयरिंग खर्च अधिक है

अदर बॉक्सेज----

स्कॉलरशिप के ब्0 करोड़ रुपये दबाए है सेंट्रल गवर्नमेंट

चीफ मिनिस्टर हरीश रावत ने मंडे को दिल्ली में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलौत से भी मुलाकात की। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति के स्टूडेंट्स के लिए दशमोत्तर छात्रवृत्ति का पैसा पूरी तरह सेंट्रल गवर्नमेंट से मिलना है। सीएम ने गहलौत से ख्0क्ब्-क्भ् के लिए स्टेट गवर्नमेंट की तरफ से की गई भ्8.ब्म् करोड़ रुपये की डिमांड के बदले सिर्फ क्8 करोड़ रुपये मिलने की बात कही और बाकी ब्0.ब्म् करोड़ रुपये तत्काल रिलीज कराने का आग्रह किया।