मनमोहन सिंह ने सोमवार को दिल्ली में सीबीआई के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "सरकार सीबीआई के इतिहास और भविष्य को बचाने के लिए काम करेगी."

प्रधानमंत्री का ये बयान इसलिए अहम है क्योंकि गुवाहाटी हाईकोर्ट ने गृह मंत्रालय के उस प्रस्ताव को रद्द कर दिया था जिसके आधार पर सीबीआई का गठन किया गया था. साथ ही हाईकोर्ट ने सीबीआई की सारी कार्रवाइयों को 'असंवैधानिक' बताया था.

मनमोहन सिंह ने कहा, "हाल के दिनों में सीबीआई की वैधता पर कुछ सवाल उठे हैं. हमारी सरकार गंभीरता से इस मामले को देखेगी. साथ ही देश के सर्वोच्च न्यायालय को भी इस मामले पर विचार करना होगा. सीबीआई की वैधता को बचाए रखने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास करेगी."

'सीबीआई की वैधता बचाने का पूरा प्रयास करेंगे'

गुवाहाटी हाईकोर्ट ने सीबीआई को असंवैधानिक क़रार दिया था.

उन्होंने कहा कि  सीबीआई की स्थापना भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के रूप में हुई थी लेकिन उसे जटिल आपराधिक मामलों की जांच का जिम्मा भी दिया जाता रहा है. खासतौर पर सीबीआई को ऐसे मामलों की जांच सौंपी जाती है जिनका राष्ट्रीय और अंतरराज्यीय महत्व होता है.

बहस

मनमोहन सिंह ने कहा, "भ्रष्टाचार के बारे में देश में चल रही बहस में कभी कभार हम यह भूल जाते हैं कि आर्थिक विकास बढ़ने से भ्रष्टाचार की संभावना भी बढ़ जाती है. इसलिए भ्रष्टाचार के मुद्दों को सही परिपेक्ष्य में देखे जाने की ज़रूरत है."

प्रधानमंत्री ने कहा, "मुझे लगता है कि हमारी बहस इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि देश को तेजी से आगे ले जाने के लिए हमें क्या करना चाहिए, आधारभूत ढांचे को कैसे सुधारा जाए, जन सेवाओं को कैसे सुधारा जाए और संस्थाओं को कैसे बनाया जाए."

उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को असंवैधानिक क़रार देने के गुवाहाटी हाईकोर्ट के फ़ैसले पर फ़िलहाल रोक लगा दी है. इस संबंध में अगली सुनवाई छह दिसंबर को होगी.

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