फॉर्मूले बदलना मुश्किल
मोदी की फलों के रस मिलाने वाली सलाह पर कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि कोल्ड ड्रिंक के फॉर्मूले को बदलना नामुमकिन है. मोदी की इस योजना पर सॉफ्ट ड्रिंक्स से जुड़े पुराने लोगों का मानना है कि कोल ड्रिंक में जूस मिलाना इसरो द्वारा मंगल की कक्षा में यान भेजने से भी बड़ी चुनौती साबित होगा. मोदी इस मौके पर बुधवार को बेंगलुरु में मौजूद थे. वहीं एक्सपर्ट कह रहे हैं कि कोल ड्रिंक्स के फॉर्मूले को बदलना नामुमकिन जैसा है, इसके साथ ही यह तर्कसंगत भी नहीं है. आपको बता दें कि कोका कोला कुछ देशों में फ्रूट वाटर उपलब्ध कराता है, लेकिन फ्रूट-कोला जैसी चीज अभी तक अस्तित्व में नहीं है.

मोदी का क्या था कहना

मोदी ने बुधवार को देश के पहले एकीकृत फूड पार्क का उद्घाटन करते हुये कहा था,'हम पेप्सी, कोका कोला पीते हैं और मुझे नहीं पता कि ऐसे कितने और ड्रिंक मार्केट में उपलब्ध हैं. यह अरबों रुपये का कारोबार है. मैंने कंपनियों से कहा है कि क्या वे अपने ड्रिंक्स में 5 परसेंट फलों का रस मिला सकती हैं.' इसके अलावा मोदी ने कहा,'मैं ज्यादा के लिये नहीं कह रहा. अगर किसानों द्वारा उत्पादित फलों का जूस कोल्ड ड्रिंक में मिलाया जाता है तो उन्हें काफी फायदा होगा.'

किसानों की बिक्री बढ़ाने का तरीका

मोदी ने अपनी इस योजना को किसानों को ध्यान में रखते हुये बनाई है. उनका कहना है कि इस स्कीम के लागू होने के बाद किसान अपनी फसल बिक्री के लिये मार्केट तलाशने को मजबूर नहीं होंगे. इस तरह के एक फैसले से अरबों रुपये का कारोबार सुनिश्चित हो सकता है. मोदी ने यह भी कहा कि उन्होंने केंद्र सरकार के रिसर्च संगठनों से पहले ही कहा है कि वे कोला ड्रिंक्स में फलों के रस के मिश्रण की संभावना पर काम करें. मोदी का मानना है कि किसान हमारा पेट भर देता है, लेकिन उसकी जेब खाली रहती है. किसानों की जेब भरने का इंतजाम होना चाहिये. उन्हें उत्पाद का सही दाम मिलना चाहिये. गांववालों को उनकी फसल का सही मूल्य मिलना शुरू हो जायेगा तो उनका विकास होगा.

Hindi News from Business News Desk

 

Business News inextlive from Business News Desk