गरीबी में बीता है बचपन

अमेरिकी मैगजीन टाइम को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह गरीबी से अच्छी तरह वाकिफ हैं. वह जानते हैं कि गरीबी किस तरह लोगों की जिंदगी में जहर घोलती है. अपने बचपन को याद करते हुए भावुक होते हुए मोदी ने कहा कि उनका बचपन गरीबी में बीता है और यही गरीबी उनके लिए प्रेरणा बनी है. इसके साथ ही मोदी ने कहा कि उनकी सरकार भारत में धर्मनिरपेक्ष शासन देने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारे लिए सबसे पवित्र ग्रंथ हमारा संविधान है और भारत की एकता एवं अखंडता सर्वोपरी है.

भारत-चीन को नहीं चाहिए थर्ड-पार्टी

भारत-चीन सीमा विवाद पर बोलते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों ने इतिहास से सबक लिया है. इसका सुबूत यह है कि दोनों देशों के बीच पिछले 25 वर्षों में एक भी गोली नहीं चली है. पिछले 30 वर्षों में दोनों देश 21वीं सदी में प्रवेश कर चुके हैं. इसलिए दोनों पक्षों में शांति के लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है. दोनों देशों के मध्य परस्पर सहभागिता पर मोदी ने कहा कि भारत और चीन ने वैश्विक मंचों पर एक दूसरे का सपोर्ट किया है. इसके साथ ही हम कॉमर्स और ट्रेड जैसे क्षेत्रों में एक दूसरे से कंपीट कर रहे हैं. चीन के बढ़ते प्रभाव पर मोदी ने कहा कि वह मानते हैं कि दुनिया में कोई भी ऐसा देश नहीं हैं जो अपना प्रभाव ना बढ़ाना चाहता हो चाहें उसकी जनसंख्या 10 लाख तक सीमित ही हो.

आतंकवादी अच्छे या बुरे नहीं

पीएम मोदी ने अमेरिकी नीतियों की परोक्ष रूप से आलोचना करते हुए कहा कि अब दुनिया को आतंकवादियों के प्रति नजरिया बदलना होगा. आतंकवादी अच्छे या बुरे नहीं हो सकते. आतंकियों को उनकी भौगोलिक और राजनीतिक आधारों के आधार नहीं देखा जाना चाहिए.

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