दुख की घड़ी में ब्रसेल्स के साथ

मंगलवार रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेल्जियम, अमेरिका और सउदी अरब सहित तीन देशों की अपनी यात्रा पर रवाना हुए। अपनी ब्रसेल्स के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि बेल्जियम के लोगों की जीवटता और भावना को नमन करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं हैं। ब्रसेल्स मे हुये भयानक हमले के बाद हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं और हमले में मारे गये लोगों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। पीएम मोदी आज सुबह भारतीय समयानुसार करीब 7:30 बजे ब्रसेल्स पहुंचेंगे। पीएम ने कहा कि बेल्जियम के साथ हमारे प्रगाढ़ संबंध हैं और यह समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। यूरोप में बेल्जियम भारत का दूसरा बड़ा व्याथपारिक साझेदार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 30 मार्च को बेल्जियम प्रधानमंत्री चार्ल्से मिशेल से ब्रसेल्स में मिलने का कार्यक्रम है। इसके बाद यूरोपीय नेताओं के साथ 13वीं भारत-यूरोप शिखर सम्मेलन में भी शामिल होने का कार्यक्रम रखा गया है।

भारत यूरोप शिखर सम्मेलन में होंगे शामिल

पीएम सबसे पहले बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स जाएंगे जो पिछले हफ्ते आतंकी हमले का शिकार हुआ था। ब्रसेल्स में मोदी भारत-यूरोपीय संघ शिखर बैठक में शामिल होंगे, जो लंबे समय से प्रस्तावित है। वह अपने बेल्जियम के समकक्ष चार्ल्स मिचेल के साथ द्विपक्षीय शिखर बैठक में भी शामिल होंगे। भारत-यूरोपीय संघ शिखर बैठक का मकसद दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी को प्रगाढ़ बनाना है। माना जा रहा है कि दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के उपायों पर भी विचार-विमर्श करेंगे। आखिरी शिखर बैठक साल 2012 में हुई थी। भारत और यूरोपीय संघ के संबंधों में उस वक्त थोड़ा तनाव आ गया था जब 28 देशों के इस समूह ने पिछले साल अप्रैल में मोदी के फ्रांस, जर्मनी और कनाडा के दौरे के समय उनके ब्रसेल्स के संक्षिप्त दौरे से संबंधित नयी दिल्ली के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी। ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ का मुख्यालय है।

प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे

ब्रसेल्स में मोदी हीरा व्यापारियों के एक प्रतिनिधिमंडल सहित शीर्ष कारोबारियों से मुलाकात करेंगे तथा भारतीय प्रवासियों को भी संबोधित करेंगे। वह भारतविदों के एक प्रतिनिधिमंडल और सांसदों से अलग अलग मुलाकात करेंगे। बेल्जियम का एंटवर्प शहर हीरा व्यापार का सबसे बड़ा वैश्विक केंद्र है। इस शहर में भारतीय व्यापारियों की संख्या अच्छी खासी है।

वाशिंगटन होगा दूसरा पड़ाव

बेल्जियम के बाद 31 मार्च को पीएम का वॉशिंगटन डीसी में चौथे परमाणु सुरक्षा सम्मेलन में शामिल होने का कार्यक्रम है, जहां कई राष्ट्र और वैश्विक संगठन के प्रतिनिधि मौजूद होंगे। सम्मेलन में परमाणु सुरक्षा के खतरे को लेकर महत्व्पूर्ण मुद्दे पर चर्चा की जायेगी। वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे को मजबूत बनाने के तरीकों और उपायों पर चर्चा करेंगे ताकि ‘नॉन स्टेट एक्टर्स’ की पहुंच परमाणु सामाग्री तक न हो।

दो अप्रैल को सऊदी अरब में होंगे

प्रधानमंत्री अमेरिका के दौरे के बाद दो अप्रैल को दो दिवसीय यात्रा पर सऊदी अरब की राजधानी रियाद जाएंगे। वह सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सउद के आमंत्रण पर पहुंच रहे हैं। सऊदी अरब और भारत के बीच साल 2014-15 में द्विपक्षीय व्यापार 39 अरब डॉलर था। वह भारत में कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। सऊदी अरब में 29.6 लाख से अधिक भारतीय नागरिक रह रहे हैं। वहां सबसे अधिक प्रवासी भारत के ही हैं। साल 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दौरे के बाद यह सऊदी अरब के लिये सबसे उच्च स्तरीय दौरा हो रहा है।

आतंकचाद विरोधी योजनाओं पर होगी बात

मोदी शाह सलमान के साथ आतंकवाद विरोधी व्यवस्था को विस्तत बनाने और ऊर्जा, व्यापार के क्षेत्र में निवेश बढ़ाने सहित कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे। आतंकवाद विरोधी लड़ाई में बढ़ते सहयोग का संकेत देते हुए सऊदी अरब ने कुछ साल पहले मुंबई हमले के आरोपी अबू जंदल को प्रत्यर्पित किया था। दोनों नेताओं के बीच बातचीत में भारतीय समुदाय के कल्याण और हज श्रद्धालुओं का मुददा प्रमुख रह सकता है। शाह सलमान मोदी के लिए दोपहर के भोज का आयोजन करेंगे जिसमें प्रमुख मंत्री और अधिकारी शामिल होंगे।

कई अरेबियन कंपनी के सीईओ से मिलेंगे

रियाद में प्रधानमंत्री सऊदी अरब की कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे, वह मशहूर मासमाक किला जाएंगे, भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करेंगे तथा उस टाटा कंसलटेंसी सेंटर का दौरा भी करेंगे, जिसने 1,000 से अधिक सऊदी महिलाओं को प्रशिक्षित किया है।

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