पुलिस के प्रति रखें पॉजिटिव थिकिंग
मोदी ने कहा ने कहा कि हमारे यहां फिल्मों में हमेशा पुलिस की बिगड़ी छवि दिखाई जाती है. अभी तक ऐसी कोई फिल्म नहीं देखी, जिसमें पुलिसवालों के त्याग को दिखाया गया हो. पुलिस की निगेटिव चीजें मीडिया में छाई रहती हैं, लेकिन सैकड़ों अच्छी चीजें दबी रह जाती हैं. पुलिसवालों के प्रति लोगों की सोच बदली जानी चाहिए. पुलिसवालों को फिल्म प्रोड्यूसर से मिलकर उन्हें पुलिस की जिम्मेदारी और कामों के बारे में बताना होगा. मोदी ने कहा कि पुलिस स्ट्रिक्ट भी हो और सेंसेटिव भी हो, पुलिस अलर्ट भी हो और अकाउंटेबल भी हो. वो रिलायबल हो और रिस्पॉन्सिबल हो. उन्होंने कहा कि पुलिस वालों के लिए हर थाने की बेवसाइट होनी चाहिए उसमें वे अपने किए काम को अच्छे से अपडेट कर सकें ताकि लोगों तक पुलिस के किए कार्य पहुंचे और उनकी छवि सुध्ार सके.

 

शहादत को न करे नजरंदाज
मोदी ने कहा कि आज पुलिस वालों को यह नहीं पता होगा कि देश आजाद होने के बाद से अब तक करीब 33 हजार पुलिस कर्मी देश की रक्षा में शहीद हो गए हैं. यह अपने आप में एक बड़ी बात है. इसके लिए प्रोटोकॉल तय हों. शहीद पुलिसवालों के सम्मान के लिए व्यवस्था बने. शहीदों के बलिदान को लेकर राज्य पुलिस अकादमी की ओर से एक ई-बुक निकाली जानी चाहिए. इसके अलावा, पुलिस स्मारिका में भी बलिदान का जिक्र होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा तनाव भरी जिंदगी है तो पुलिस की है वो अपनी जीवन को दांव पर लगा देता है. अगर उसके परिवार में सुख शांति न हो तो वह ठीक से ड्यूटी नहीं कर पाएगा. यह सरकार और हम सबका दायित्व बनता है कि पुलिस वालों के परिवार वालों के लिए वेलफेयर की योजना चलायी जाएं. इससे काफी परिवर्तन होगा.

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