मनमोहन ने अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर म्यमांर की नई राजधानी नाय प्यी ताव रवाना होने से थोड़ी देर पहले एक बयान में उल्लेख किया कि भारत घनिष्ठ मित्र एवं पड़ोसी म्यामांर के साथ अपने संबंधों के महत्व को अत्यंत तरजीह देता है और हाल के वर्षों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों में काफी मजबूती आई है और विस्तार हुआ है.

उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा पिछले साल अक्टूबर में म्यामांर के राष्ट्रपति थीन सीन की अत्यंत सफल भारत यात्रा के दौरान लिए गए फैसलों के कार्यान्वयन में प्रगति की समीक्षा का अवसर प्रदान करेगी। पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत राजीव गांधी की दिसंबर 1987 की म्यामांर यात्रा के बाद मनमोहन इस देश का दौरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री होंगे. उन्होंने कहा, हम आगामी वर्षों में अपने सहयोग को और विकसित करने के लिए नए अवसरों पर विचार करेंगे और एक रूपरेखा तैयार करेंगे.

प्रधानमंत्री मंगलवार को यांगून में विपक्ष की नेता और नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची से भी मुलाकात करेंगे. उन्होंने कहा कि म्यामांर में लोकतांत्रिक सरकार की ओर बदलाव तथा व्यापक एवं समावेशी मेलमिलाप प्रक्रिया की ओर म्यामांर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भारत स्वागत करता है.

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