अधिकारी ने साझा किया अनुभव
आज के दौर में ज्यादातर लोग समझौता करने के लिए तैयार नहीं होते है। उनको लगता है कि ऐसा कर के वो छोटे हो जाएंगे। ऐसे में देश के प्रधानमंत्री के द्वारा किया गया एक काम उनको अपनी सोच पर सोचने को निश्चित ही मजबूर कर देंगे। दरअसल भारतीय रेलवे (ट्रैफिक) सर्विस की वरष्ठ अधिकारी ने एक अंग्रेजी अखबार के संग 2014 के अपने एक सफर की बात साझा की।
सांसद कर रहे थे सफर
उन्होंने बताया कि एक बार वो लखनऊ से दिल्ली जाने के लिए ट्रेन में सफर करने के लिए चढ़ीं। उस दौरान ट्रेन के उस बोगी में 2 सांसद पहले से ही मौजूद थे। इन सांसदो के संग कई लोग बिना टिकट के ट्रेन में सफर कर रहे थे। ऐसी स्थिति में उनको उस बोगी में सफर करने पर असहजता महसूस हो रही थी इसलिए उन्होने उस ट्रेन को छोड़ने का फैसला किया और वो ट्रेन से उतर गई।
मोदी जी जमीन पर
दूसरे दिन वो अहमदाबाद जाने वाली एक और ट्रेन में चढ़ गई। भीड़ होने के कारण उनकी टिकट कंफर्म नहीं हो पाई थी लेकिन महिला ने बताया की उनका जाना जरूरी था इसलिए वो ट्रेन के डिब्बे में सवार हो गईं। महिला ने बताया कि वो टीटी की मदद से ट्रेन में बर्थ ढूंढ़ने लगी जब उनको वहां पर दो लोग मिले जिन्होंने अपना परिचय बीजेपी नेता के तौर पर दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बर्थ पर उनको बैठने की जगह दे दी और रात होने पर वे दोनों चादर डालकर फर्श पर लेट गए और उनको बर्थ वर सोने कि जगह दे दी। सुबह होने पर जब उन्होंने उनका नाम पूछा तो उनको पता चला कि उनमें से एक शंकर सिंह थे और दूसरे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। अब कह सकते है कि मोदी की नजर में कुछ भी बड़ा-छोटा नहीं होता है।
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