अगर सूत्रों से मिल रही खबरोंकी मानें तो रूस के उफा में 10 जुलाई को होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की संभावना बन सकती है. ये भी कहा जा रहा है कि इस मौके पर भारत की ओर से द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा मुंबई हमले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले जकीउर रहमान लखवी की जमानत के मुद्दे पर बातचीत होने की संभावना है।

एससीओ के अलावा मोदी ब्रिक्स की मीटिंग में भी भाग लेंगे। अपनी यात्रा में प्रधानमंत्री सबसे पहले उज्बेकिस्तान जायेंगे इसके बाद 7 जुलाई को वे कजाखस्तान पहुंचेंगे। 8 जुलाई को मोदी रूस जाएंगे और उसके बाद 10 जुलाई को वे तुर्कमेनिस्तान में होंगे। इसके साथ ही 11 जुलाई को किर्गीस्तान और 12 जुलाई को ताजिकिस्तान भी पहुंचेंगे। 1995 में तत्कालीन प्रधनमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के बाद तुर्कमेनिस्तान की यात्रा करने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे।

उम्मी्द है कि प्रधानमंत्री की यात्रा से उद्योग से संबंधित क्षेत्रों में काफी लाभ हो सकता है। एसोचैम ने कहा है कि भारत में रक्षा उत्पादन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा के बढ़कर 49 फीसदी होने के बाद भारत और रूस के आर्थिक रिश्तों में बड़ा बदलाव आने की संभावना है।  उम्मीमद ये भी की जा रही है कि मध्य एशिया के पांच देशों कजाखस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान व किर्गीस्तान के साथ वर्तमान के 1.4 अरब डॉलर के व्यापार को कई गुना बढ़ाया जा सकता है.

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