मोदी के इस दस सूत्री एजेंडे की महत्वपूर्ण बातें यह है कि इसमें जनता से संबंधित मुख्य मुद्दे जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली को प्राथमिकता दी गई है. अर्थव्यवस्था को रफ़्तार देने तथा उसकी बेहतर स्थिति के लिए निवेश का माहौल बनाने की बात कही गई है. विभिन्न योजनाओं के लिए भी समयसीमा तय करने पर जोर देने की बात कही गई.

नरेंद्र मोदी के ये 10 सूत्री एजेंडे प्रमुख हैं-

-देश में नौकरशाही की स्थिति सुधारनी होगी.

-शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली पर जोर देते हुए वर्तमान स्थिति में सुधार लाया जाएगा.

-सरकार के कामकाज में नए विचारों को शामिल किया जाएगा और उनपर घ्यान दिया जाएगा.

-सरकार में पारदर्शिता को सुनिश्चित किया जाएगा. इलेक्ट्रोनिक-ऑक्शन को बढ़ावा दिया जाएगा.

-मंत्रालयों के बीच आपसी तालमेल को  बढ़ावा दिया जाएगा.

-जनता की उम्मीदें पूरी करने को भरसक प्रयास किया जाएगा.

-अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का निपटारा किया जाएगा.

-बुनियादी ढांचे को सुधारने और निवेश को बढ़ाने को तत्पर होना होगा.

-नीतियों पर तय समयसीमा को ध्यान रखना होगा.

-सरकारी नीतियों में स्थायित्व होना चाहिए

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्र ने कैबिनेट बैठक से पहले मोदी के इन एजेंडों का खुलासा किया. उन्होनें कह कि सरकारी मशीनरी को दुरूस्त किया जाएगा ताकि सभी काम ढंग से हो सके. अगले हफ्ते कैबिनेट सचिव से लेकर एक दर्जन अहम विभागों के सचिव बदले जाएंगे. सूत्रों के अनुसार, मोदी ने हर विभाग के सचिव पद के लिए तीन संभावित नाम और उनके ट्रैक रिकॉर्ड तलब किए हैं.

मिश्रा ने बताया कि मोदी की प्राथमिकता वाली योजनाओं को पूरा करने के लिए एक समयसीमा तय होगी। लंबे समय से लटके अहम इनफ्रास्ट्रकचर प्रॉजेक्टस की अड़चने दूर कर उन्हें रफ्तार देने पर फोकस किया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि मोदी देश में प्रचुरता के बाद भी कोयले के आयात का मुद्दा भी उठा चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी कोल इंडिया की रीस्ट्रक्चरिंग कर सकती है। गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्रालय ने संकेत दिया है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान देश को 28.8 करोड़ टन (एमटी) कोयले की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

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