गोल्ड के बदले धन

प्रधानमंत्री की इन योजनाओं के पीछे कहा जा रहा है कि यह देश में सोने के प्रति भारतीयों के मोह को देखते हुए लॉन्च की गई हैं। वे अपने पास किसी न किसी रूप में सोने को सुरक्षित रखने की कोशिश में लगे रहते हैं। हालांकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 'गोल्ड मोनेटाइजेशन' स्कीम ने कुछ मानदंड भी लागू किए हैं। ऐसे में यह साफ है कि अब कोई भी व्यक्ित अपना गोल्ड बैंक में जमा कर सकता है। इस दौरान वह जिस भी बैंक में जमा करेगा बैंक उस जमा राशि पर उसे निश्चित दर पर ब्याज देगी। जिससे साफ है कि गोल्ड का मौद्रीकरण असल में गोल्ड के बदले मिलने वाला धन ही है। इसके अलावा सभी कमर्शल बैंकों को इस स्कीम को शुरू करने की अनुमति है। हालांकि इस दौरान बैंकों को गोल्ड डिपॉजिट पर खुद ब्याज दरें तय करने की अनुमति दी गई है। इसके अंतर्गत 30 ग्राम 995 शुद्धता वाला सोना, गोल्ड-बार, सिक्का, गहने आदि रखा जा सकेगा।

जुर्माना लागू करेंगी

इस दौरान जमा करने से पहले प्योरिटी टेस्टिंग सेंटर्स से आपके गोल्ड की पहले पूरी तरह से शुद्धता की जांच की जाएगी। इस स्कीम के तहत दो या दो से अधिक के जॉइंट डिपॉजिटर्स के साथ इस योजना का लाभ पा सकते हैं। इस स्कीम के तहत पहला, शार्ट टर्म (1 से 3 साल), मीडियम टर्म (5 से 7 साल) और लॉन्ग टर्म (12 से 15 साल) तक के डिपॉजिट किया जा सकता है। सबसे खास बात तो यह है कि इसमें भी दूसरी डिपॉजिट वाली योजनाओं की तरह परिपक्वता (मच्योरिटी) अवधि भी निर्धारित है। इसमें भी अगर बिना पूर्व निकासी के पहले अगर निकासी की जाती है तो बैंक अपने हिसाब से जुर्माना का प्रावधान लागू करेंगी। इसके साथ ही इस स्कीम में मच्योरिटी पर लोगों के पास यह ऑप्शन होगा कि वे पैसे लेंग या फिर अपना सोना वापस लेगे। इस दौरान चुना हुआ एक ऑप्शन ही पहला और आखिरी होगा।

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