-पीएम आगमन की तैयारी में व्यस्त है पीयू एडमिनिस्ट्रेशन, लंबित समस्याओं की सुध नहीं

-हॉस्टल में पीने का पानी नहीं, वहीं शौचालय की हालत खराब

PATNA: पटना यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में क्ब् अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी शामिल हो रहे हैं। इससे पहले यहां वर्षो से लंबित मूलभूत समस्याओं को लेकर टाल-मटोल की स्थिति रही है। कॉलेज, हॉस्टल और यहां तक कि पीयू प्रशासनिक भवन में भी सुविधाओं की भारी कमी है। इसके लिए रुपए नहीं है जबकि शताब्दी समारोह में बड़े-बड़े आयोजन लगातार हो रहे हैं। छात्र प्रतिनिधि और संगठन इसे लेकर कई बार आंदोलन कर चुके हैं। लेकिन पीयू प्रशासन ध्यान ही नहीं देता है। इसी तथ्यों पर पेश है स्पेशल रिपोर्ट।

क्या यह हॉस्टल है

रानीघाट स्थित न्यू लॉ हॉस्टल की स्थिति अधिक जर्जर है। ज्ञात हो कि दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने इसी वर्ष जून में जब पीयू के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर एनके झा से बात की थी तो उन्होंने बताया था कि जल्द ही रीनोवेट किया जाएगा। लेकिन आलम यह है कि रीनोवेट तो दूर, यहां रह रहे छात्रों को पीने का पानी और शौचालय संबंधी दिक्कत है। जेएसडी के सदस्य राव सुमंत सम्राट ने बताया कि यहां आरओ दो साल से खराब पड़ा है। हॉस्टल में सफाई नहीं होती, सांप तो निकलते ही रहते है। टॉयलेट भी जर्जर है।

चलते क्लास में गिरा था पंखा

पीयू का इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट इन दिनों रात-दिन पीएम के स्वागत की तैयारी में जुटा हैं। साइंस कॉलेज के हर हिस्से में काम हो रहा है। लेकिन वर्षो से पीयू के विभिन्न डिपार्टमेंट की जर्जर छत को रीनोवेट नहीं किया गया है। दो महीने पहले ही केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में छत का एक हिस्सा टूट कर गिर गया था। जिसमें शिक्षक और छात्र बाल-बाल बचे थे। इसी डिपार्टमेंट में पंखा भी गिरा था जब पीजी की क्लास चल रही थी। छात्र संघों में इसे लेकर भारी नाराजगी जताई थी।

हॉस्टल में पीने का पानी नहीं

रानीघाट स्थित पीजी हॉस्टल में पीने का पानी और टॉयलेट की समस्या है। इसके अलावा यहां पर गंदगी का अंबार भी है। ज्ञात हो कि हाल में संजीत सिंघानिया की मौत स्वास्थ्य संबंधी कारणों से हुई थी। रानीघाट स्थित पीजी हॉस्टल के छात्रों का कहना है कि पीने का साफ पानी नहीं मिलता है। सफाई कभी होती ही नहीं है। ऐसे में स्टूडेंट्स बीमार पड़ते रहते हैं।

यहां सिर्फ बयानबाजी, काम कुछ नहीं

पीयू में इंजीनियरिंग वर्क को लेक र हाल में जमकर बयानबाजी हुई है। लेकिन काम कुछ नहीं। पीयू की प्रो वीसी डॉ डॉली सिन्हा ने बीएन कॉलेज के संबंध में कहा कि यहां एक साथ सभी जगह रिनोवेशन नहीं किया जाना चाहिए था। वहीं, जब हॉस्टलों के लंबित काम के बारे में पूछा गया तो डीएसड?ल्यू प्रो। एनके झा ने कहा कि इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट बीते दस साल में जो काम नहीं किया वह दो महीने में तेजी से कर रहा है। जबकि इस बारे में छात्रों का कहना है कि यदि ऐसा ही है तो पीयू के डिपार्टमेंट और हॉस्टल की हालत जर्जर क्यों है?

आधा-अधूरा काम छोड़ चले जाते हैं

जेएसडी के सदस्य राव सुमंत सम्राट का कहना है कि पीयू हॉस्टल में लाखों रुपए का वर्क टेंडर होता है और उसे आधा-अधूरा छोड़कर इंजीनियर चले जाते हैं। उदाहरण के लिए पीजी हॉस्टल, रानीघाट में पुराने मेस को तोड़कर नया मेस बनाना था। जबकि इसे जर्जर ही छोड़कर इंजीनियर चले गए। इतना ही नहीं, यहां बाउंड्री वॉल को महज चंद ईटों से जोड़कर खाना-पूर्ति की गई है। पीयू प्रशासन इसे लेकर लापरवाह है।

अभी पीएम के आगमन की तैयारी को लेकर व्यस्त हैं। दिसंबर के बाद पीयू में मूलभूत समस्याओं को दूर करने के लिए सुनियोजित काम होंगे।

-डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह, वीसी पीयू

पीयू का स्वर्णिम इतिहास रहा है। कई विभूतियां यहां से निकले हैं। लेकिन आज यह भारी उपेक्षा का शिकार है। मूलभूत समस्याओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

-राम कुमार सिंह, सदस्य, पीयू छात्र संघ