चुनावी विश्लेषक और पॉलिटिकल एक्सपर्ट का मानना है कि कांग्रेस के लिए कानपुर की रैली काफी अहम होती है और इसलिए प्रधानमंत्री खुद यहां रैली को संबोधित करने आते हैं. 2004 और 2009 में राज्य में कांग्रेस की बढ़त के लिए भी अंदरखाने में यही बात कही जाती है कि मनमोहन सिंह की रैली कानपुर में लक्की साबित होती है और उसका असर राज्य की सियासी गणित पर पड़ता है. 

बहरहाल, तमाम दिग्गज आज यानी शुक्रवार को पांचवे चरण के विधानसभा क्षेत्रों की ओर रुख करेंगे. चौथे चरण में रविवार को हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, फरु खाबाद, कन्नोज, बांदा, चित्रकूट, क्षत्रपति शाहूजी महाराज नगर, फतेहपुर और प्रतापगढ़ में मतदान होगा. इस चरण में कुल 1044 प्रत्याशी हैं जिनके भाग्य का फैसला 1.73 करोड़ मतदाता करेंगे.

सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री शहर के मोतीझील इलाके में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे और कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए वोट मांगेंगे. कानपुर शहर औद्योगिक शहर है और यहां सिख मतदाता काफी बड़ी संख्या में हैं. इसलिए उनके लिए चुनाव प्रचार की शुरुआत कानपुर से करना काफी अहम माना जा रहा है.

प्रचार समाप्त होते ही उम्मीदवार जहां बूथ प्रबंधन और जनसम्पर्क अभियान में जुटेंगे वहीं नेता पांचवे चरण की ओर रुख करेंगे. बुंदेलखण्ड, मध्य, पश्चिम एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश की 56 सीटों वाले चौथे चरण के मतदान में चार मंत्रियों सहित तमाम दिग्गज नेता मैदान में हैं.

मंत्रियों में नकुल दूबे, अब्दुल मन्नान, रामपाल वर्मा और अयोध्या प्रसाद शामिल हैं तो दिग्गज नेताओं में कांग्रेस की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र, सलमान खुर्शीद की पत्नी लुइस खुर्शीद और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया शामिल हैं.

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