दिल्ली में आनन फानन में बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि कांग्रेस समेत सारी पार्टियों को राजनीति के नाम पर ऐसा करना बंद करना चाहिए.

वहीं राहुल गांधी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि "कांग्रेस उपाध्यक्ष ने इस मसले पर मुझे भी लिखा है और एक बयान भी दिया है. सरकार की इन सभी गतिविधियों पर नज़र है."

प्रधानमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा, "इस मसले पर मेरे भारत लौटने पर कैबिनेट के परामर्श के बाद विचार किया जाएगा."

मनमोहन सिंह इस समय अमरीका के दौरे पर हैं और वे 30 सितंबर को भारत लौटेंगे.

यूपीए सरकार कुछ दिन पहले अध्यादेश लेकर आई है जिसमें कहा गया है कि कुछ शर्तों के तहत अदालत में दोषी पाए जाने के बाद भी सांसदों और विधायकों को अयोग्य क़रार नहीं दिया जा सकेगा.

इससे पहले केंद्रीय संचार राज्य मंत्री मिलिंद देवड़ा ने 'दाग़ी' नेताओं को राहत देने वाले सरकार के अध्यादेश की आलोचना की थी.

बंद करने होंगे समझौते

राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक संक्षिप्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कहा, "इस अध्यादेश के बारे में मेरी राय यह है कि यह पूरी तरह से बेतुका है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए. अध्यादेश के बारे में यह मेरी व्यक्तिगत राय है."

इसके बाद उन्होंने अपने इस बयान को एक बार फिर दोहराया.

"इस अध्यादेश के बारे में मेरी राय यह है कि यह पूरी तरह से बेतुका है और इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए."

-राहुल गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष

राहुल गांधी ने कहा, "इस देश में लोग अगर वास्तव में भ्रष्टाचार से लड़ना चाहते हैं तो हम ऐसे छोटे समझौते नहीं कर सकते हैं."

राहुल गांधी का कहना था कि जब हम एक छोटा समझौता करते हैं तो हम हर तरह के समझौते करने लगते हैं.

सरकार की गलती

अपनी बात रखते हुए राहुल गांधी बोले, "इस अध्यादेश के लिए मेरे संगठन में जो दलील दी जा रही है वह यह है कि 'हमें ऐसा करने की ज़रूरत इसलिए है क्योंकि इस पर एक राजनीतिक सहमति है.' अब समय आ गया है कि इस बेतुके काम को रोका जाए."

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि "कौन क्या कर रहा है, इससे मुझे मतलब नहीं है. मुझे इससे मतलब है कि कांग्रेस पार्टी क्या रही है? मुझे इसमें रुचि है कि मेरी सरकार क्या कर रही है और जहां तक इस अध्यादेश का सवाल है तो मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि मेरी सरकार ने गलत किया है."

प्रधानमंत्री की बारी

राहुल गांधी के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एक समाचार चैनल से भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री के फैसले को बेतुका कहा गया है और अब देखना है कि प्रधानमंत्री अपने फैसले का बचाव किस तरह करते हैं.

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