--प्रधानमंत्री आवास योजना में बिना पैसे दिए नहीं हो रहा काम
--अपना ही पैसा पाने के लिए लाभुकों को काटने पड़ रहे ऑफिस के चक्कर
कैसी-कैसी गड़बडि़यां
-नक्शा पास कराने के नाम पर ले लिया 2000 रुपए
-एक लाभुक से 25 हजार तक की डिमांड
-फोटो खींचकर ले गए फिर भी नहीं दे रहे इंस्टॉलमेंट के पैसे
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RANCHI (13 Sep): अगर आप भी रांची नगर निगम में कोई काम कराना चाहते हैं, तो इसके लिए अधिकारियों को पैसे खिलाने पड़ सकते हैं। चूंकि प्रधानमंत्री की फ्लैगशिप योजना में भी बिना पैसे के कोई काम नहीं हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना में पार्षदों व अधिकारियों की मिलीभगत के कारण लाभुक रोने को मजबूर हैं। आवास निर्माण कराने के बाद भुगतान के लिए दरबार में हाजिरी लगानी पड़ रही है। ऐसे ही दो दर्जन से अधिक लाभुकों ने आवास योजना का भुगतान जल्द से जल्द कराने के लिए मेयर से गुहार लगाई है।
अधिकारियों व पार्षदों की मिलीभगत
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को आवास बनाने के लिए सरकार की ओर से दो लाख ख्भ् हजार रुपए दिए जाने हैं। इसमें फंडा मेंटल लेवल पूरा करने पर ब्भ् हजार, लिंटल लेवल के बाद म्7भ्00, रूफ निर्माण पूरा करने पर ब्भ् हजार और फाइनल होने के बाद म्7भ्00 का पेमेंट किया जाना है। लेकिन लाभुकों से पार्षद और अधिकारी मनमाने पैसे मांग रहे हैं। जबकि पीएमएवाइ के तहत आवास बनाने में किसी भी तरह का कोई भुगतान लाभुक को नहीं करना है। अगर वह योजना से हटकर घर के निर्माण में कुछ बदलाव करता है, तो उसका खर्च उसे खुद वहन करना है।
चौथी किस्त के लिए एक माह से दौड़ा रहे
केस वन
वार्ड नंबर क्फ् में रहने वाली कमरून निशा के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने का एग्रीमेंट किया गया था। इसमें निगम के कर्मचारी तीन बार घर का फोटो खींचकर ले गए। इसके बाद निगम से तीन किस्त के पैसे भी भेज दिए गए। एक स्टाफ ने नक्शा पास कराने के नाम पर दो हजार रुपए मांगे। इस मामले को लेकर जब वह निगम के एक सिटी मैनेजर के पास पहुंची, तो उन्होंने भी पैसे की डिमांड कर दी। तब उन्होंने स्टाफ को दो हजार रुपए दे दिए। अब उनका आवास कंप्लीट हो चुका है। इसके बाद भी एक महीने से चौथी किस्त के लिए दौड़ाया जा रहा है। ऐसे में कमरून निशा ने मेयर से किस्त दिलाने की गुहार लगाई है।
दो माह से सेकेंड इंस्टॉलमेंट के ि1लए दौड़
केस टू
मो। शाहिद वार्ड नंबर क्फ् के रहनेवाले हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए लाभुक के रूप में सेलेक्शन हुआ है। इसके बाद शाहिद ने घर का काम भी शुरू करा दिया। फर्स्ट फेज का काम पूरा होने के बाद पेमेंट भी दिया गया। सेकेंड फेज का काम पूरा करने के बाद फोटो भी खींचकर ले गए। इसके दो महीने बाद भी सेकेंड इंस्टालमेंट नहीं दिया जा रहा है। कई बार निगम के चक्कर लगाने के बाद भी जब उन्हें पैसा नहीं भेजा गया, तो वह मेयर के दरबार में पहुंचे। साथ ही उन्होंने कहा कि कहीं पैसे के चक्कर में उनका पेमेंट तो नहीं रोका गया है।
आवास कंप्लीट, अंतिम किस्त के लिए टरका रहे अधिकारी
केस फ्
बबिता देवी ख्0 नंबर वार्ड वर्द्धवान कंपाउंड की निवासी हैं। पीएमएवाइ के तहत आवास बनाने में उनके पसीने छूट रहे। स्थिति यह हो गई है कि दो महीने से घर तैयार होने के बाद फोटो खींचकर भी ले गए। लेकिन आजतक चौथी किस्त नहीं दी गई है। इससे पहले भी जब घर बनाने का काम शुरू हुआ था तो पहली किस्त आसानी से मिल गई। लेकिन जब सेकेंड इंस्टालमेंट का टाइम आया तो लटका दिया गया। इस बीच इंजीनियर ने भ् हजार रुपए लेने के बाद सेकेंड इंस्टालमेंट का भुगतान किया। तब तक इंजीनियर साहब बदल गए। फिर नए अधिकारी काम देखने आए। इस बीच पार्षद ने दबाव बनाना शुरू कर दिया। लेकिन तीसरी किस्त मिल गई।