पटना नगर निगम छह महीने से एक भी फॉगिंग मशीन की खरीदारी तक नहीं कर पाया है। यही नहीं, जो बड़ी मशीन है वो भी हर एरिया में नहीं निकल पाती है, जबकि छह महीने पहले ही निगम की स्थायी समिति की बैठक में हर वार्ड के लिए हैंड फॉगिंग मशीन की खरीदारी के लिए 25 लाख रुपए की मंजूरी दी थी, पर निगम ने अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया। इसका खुलासा उस समय हुआ, जब नगर निगम की स्थायी समिति की बैठक में नए प्रस्ताव की चर्चा शुरू हुई। स्थायी समिति के मेंबर ने नए प्रस्ताव पर बात करने से इंकार कर दिया और कहा कि पूर्व में जो भी योजनाएं पास की गयी हैं, पहले उसे इंप्लीमेंट किया जाए। दरअसल, मेंबर्स ने कमिश्नर के सामने पूर्व के प्रस्तावों की चर्चा की, जो पटनाइट्स के लिए जोर-शोर से शुरू किया जाना था, पर कहीं भी ऐसा नहीं हुआ।

25 यूरिनल कहां बने?

स्थायी समिति के मेंबर्स ने कहा कि 25 लाख में पचास के आसपास हैंड फॉगिंग मशीन की खरीदारी होनी थी, ताकि हर वार्ड और उसके गली-मुहल्लों को मच्छर से बचाया जा सके। अब तक इस पर ध्यान नहीं दिया गया। स्थायी समिति की मेंबर आभा लता ने बताया कि शहर के विभिन्न एरिया में 25-26 यूरिनल बनाने की बात की गयी थी, लेकिन अब तक उस पर भी निगम की ओर से काम नहीं शुरू हुआ। इसके अलावा स्लम बस्ती में शौचालय-लाइट-पानी के उपर दो करोड़ का बजट था, लेकिन अब तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। बोर्ड के मेंबर ने कहा कि वो सिर्फ प्रस्ताव को पास करने के लिए नहीं बैठे हुए हैं। जब तक इस पर इंप्लीमेंटेशन नहीं होगा, तब तक आगे का प्रस्ताव नहीं देखा जाएगा।