खत्म होगी परंपरा
खबरों के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों को दो टूक शब्दों में कहा है कि वे सिफारिशी लोगों की महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तिओं को सहमति नहीं देंगे. उनका कहना है कि पिछली यूपीए सरकार में कुछ विभागों में जिस तरह से नियुक्तिओं में धांधली हुई, उसे खत्म कर दिया जायेगा. रिपोर्ट का कहना है कि यह नीति इसलिये बनाई जा रही है कि सरकार के अगले पाचं साल के कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने के लिये सही टीम तैयार हो जाये. इसी के मद्देनजर मेरिट पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है.

सिफारिशों की लगी थी लाइन
बताया जा रहा है कि 5 सितंबर को सभी विभागों को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें मेरिट पर जोर देने को कहा गया था. ऐसा इसलिये किया जा रहा है कि बिना मेरिट के कई लोगों के नामों की संस्तुति की गई थी. इसके साथ ही उस पत्र में यह भी कहा गया है कि नियुक्तियों के लिये विभिन्न मंत्रालयों से भेजे गये कई मामलों में देखा जा रहा है कि सेलेक्शन कमेटी उम्मीदवारों के नाम मेरिट के आधार पर नहीं भेज रही है.   

ऐड हॉक सेलेक्शन पर नहीं भरोसा
नई सरकार यूपीए सरकार के विपरीत ऐड हॉक सेलेक्शन में विश्वास नहीं कर रही है. वह चाहती है कि महत्वपूर्ण पदों पर मेरिट वाले लोगों को तरजीह दी जाये. आपको बता दें कि पिछली सरकार में सेलेक्शन में काफी खींचतान रही और मेरिट को दरकिनार कर दिया गया. अब नई सरकार चाहती है कि महत्वपमर्ण पदों पर सोच-समझकर मेरिट के आधार पर सेलेकशन हो. ऐसा नहीं था कि मनमोहन सिंह नहीं चाहते थे कि सेलेक्शन जैसे-तैसे हों, लेकिन उनकी उतनी चल नहीं पाती थी और विभिन्न मंत्री अपने चहेतों को बड़े पद दिला देते थे.

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