* आरटीआई के जवाब ने पीएमओ ने स्पष्ट जानकारी देने से किया इंकार

* कहा, इस जवाब के लिए करनी पड़ेगी काफी कवायदसूचना देने से छूट हासिल

पीएमओ का कहना है कि यह जानकारी समग्र रूप से एक जगह उपलब्ध नहीं है और इस कवायद में उसके संसाधन असंगत रूप से बिखर जाएंगे। क्योंकि प्रत्येक रसीद और पत्र उस मामले से जुड़ी फाइलों में रखे हुए हैं। सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 7(9) में इस आधार पर सूचना देने से छूट हासिल है। एक अन्य सवाल पर पीएमओ ने बताया कि उसके पास रिलायंस जिओ और पेटीएम की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर उनके विज्ञापनों पर लगाने की अनुमति मांगने संबंधी कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।

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गलती के लिए माफी मांगी

पीएमओ का कहना है कि मांगी गई इस तरह की जानकारी का कार्यालय कोई रिकॉर्ड नहीं रखता। बता दें कि उपभोक्ता मामलों के विभाग ने दोनों कंपनियों को उनके इस कार्य पर एंबेलेम्स एंड नेम्स (प्रिवेंशन ऑफ इम्प्रोपर यूज) एक्ट, 1950 के तहत नोटिस भी जारी किए थे। हालांकि मार्च में सरकार ने संसद में बताया था कि दोनों ही कंपनियों ने अपनी गलती के लिए माफी मांग ली है।

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