- कैबिनेट ने सूबे के सभी 17 निकायों में पाइप्ड नेचुरल गैस की सप्लाई को दी मंजूरी

- आगरा और लखनऊ से होगी शुरुआत, ग्रीन गैस लिमिटेड को मिला सप्लाई का काम

LUCKNOW :

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने सूबे के सभी 17 स्थानीय निकायों में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) की सप्लाई के लिए भूमिगत पाइपलाइन डालने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसकी शुरुआत लखनऊ और आगरा से की जाएगी। इसके जरिए लोगों को सस्ता और सुरक्षित ईधन मुहैया हो सकेगा। उल्लेखनीय है राज्य सरकार ने ग्रीन गैस लिमिटेड को पाइपलाइन डालने की मंजूरी दी है। कंपनी को इस दौरान सेफ्टी मानकों और जनसुविधाओं का पूरा ध्यान रखना होगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि वर्तमान व्यवस्था में एलपीजी गैस घर-घर पहुंचाई जाती है जिससे यातायात पर दबाव पड़ता है और पर्यावरण पर भी बुरा असर होता है। ग्रीन गैस लिमिटेड को खास हिदायत दी गयी है कि पाइपलाइन डालते वक्त अन्य भूमिगत सेवाओं पर असर नहीं पड़ना चाहिए।

मदरसों में एनसीईआरटी की बुक्स

सूबे के मदरसों में अब एनसीईआरटी की किताबों के जरिए अध्ययन किया जाएगा। इन्हें मदरसों के सिलेबस में शामिल किया जाएगा। कैबिनेट ने मदरसा बोर्ड की बैठक में इस बाबत की गयी संस्तुति के बाद इसे लागू करने का निर्णय लिया है। साथ ही तय हुआ है कि मदरसों में उर्दू के अलावा हिंदी और अंग्रेजी माध्यम से भी शिक्षा प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इससे मदरसों के बच्चे भी मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे। मदरसों में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और सामान्य ज्ञान की शिक्षा तो दी जा रही थी, लेकिन इनका कोई पाठ्यक्रम निर्धारित नहीं था। उन्होंने बताया कि मदरसा बोर्ड पोर्टल में पूर्व में 4.77 लाख विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। राज्य सरकार द्वारा नकल विरोधी अध्यादेश लाने के बाद इनकी संख्या घटकर 2.77 लाख रह गयी है।

दूसरी शादी की तो पुलिस में भर्ती नहीं

कैबिनेट ने सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टरों की भर्ती को लेकर नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। इसके तहत दो या ज्यादा शादी करने वाले लोगों की भर्ती नहीं की जाएगी। इसके लिए भर्ती नियमावली के नियम 12 में संशोधन किया गया है हालांकि यह नियम पर्सनल लॉ बोर्ड के अधीन आने वाले लोगों पर लागू नहीं होगा। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती के लिए जारी होने वाली विज्ञापन को लेकर भी अहम फैसला लिया है। अब नियुक्ति प्राधिकारी आरक्षण के साथ चयन करके एचओडी को प्रस्ताव भेजेगा। इसकी गहन समीक्षा के बाद इसे अनुमति के लिए राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा। इसके बाद ही भर्ती बोर्ड इसका विज्ञापन जारी कर सकेगा।

एटा और मिर्जापुर में बनेगा मेडिकल कॉलेज

कैबिनेट ने केंद्र सरकार की योजना के तहत सूबे मे बनने वाले आठ मेडिकल कॉलेजों मे से एटा और मिर्जापुर में भूमि की उपलब्धता के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। योजना के तहत तीन लोकसभा क्षेत्रों को मिलाकर एक मेडिकल कॉलेज बनाया जाना है। साथ ही पिछड़े और अविकसित जिलों को प्राथमिकता दी जानी है। कैबिनेट ने एटा में जिला अस्पताल के निकट श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज की 16.44 एकड़ भूमि और मिर्जापुर में कृषि विभाग की 21.18 एकड़ भूमि मेडिकल कॉलेज को दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। इसका निर्माण केंद्र सरकार द्वारा 60 फीसद और राज्य सरकार द्वारा 40 फीसद अंश से किया जाएगा।

यूपी इनर्जी कंजर्वेशन कोड होगा लागू

कैबिनेट ने सूबे में बनने वाली ऐसी इमारतों जिसमें 120 केवी से ज्यादा का बिजली कनेक्शन होगा, में यूपी इनर्जी कंजर्वेशन कोड-2018 लागू करने का निर्णय लिया है। इसका शासनादेश जल्द ही जारी किया जाएगा। इसके लागू होने के बाद कमर्शियल व रेजीडेंशियल इमारतों को ग्रीन बिल्डिंग के रूप में बनाना होगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और पुडुचेरी में इसे लागू किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि ग्रीन बिल्डिंग बनाने से निर्माण लागत करीब 5 फीसद बढ़ती है हालांकि बिजली की बचत से तीन साल में इसकी भरपाई हो जाती है। इसके तहत सोलर प्लांट, ग्लास पैनल, रिफलेक्टर, एलईडी, कूलिंग टॉवर, प्लेटिनम कोटिंग की नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाना है।

हरिद्वार में बनेगा पर्यटन आवास गृह

कैबिनेट ने उत्तराखंड के हरिद्वार में सौ कमरों का नवीन पर्यटन आवास गृह बनाने का निर्णय लिया है। इसे हरिद्वार में गंगा नदी के समीप अलकनंदा होटल के परिसर में बनाया जाएगा। ध्यान रहे कि यह भूमि यूपी के सिंचाई विभाग महकमे की है। फिलहाल यूपी के पर्यटकों को अलकनंदा होटल में ही ठहरना होगा। करीब 2964 वर्ग मीटर भूमि पर बनने वाले इस आवास गृह का निर्माण दो साल में पूरा होने पर अलकनंदा होटल उत्तराखंड सरकार को सौंप दिया जाएगा। इसके निर्माण में करीब 40 करोड़ रुपये की लागत आएगी। ध्यान रहे कि कैबिनेट ने यह फैसला अदालत द्वारा इस बाबत किए गये एक निर्णय के बाद लिया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में लगेंगी ई-पॉश मशीनें

कैबिनेट ने शहरों के तर्ज पर सूबे के ग्रामीण इलाकों में भी ई-पॉश मशीनें लगाने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। इससे ग्रामीणों को सरकारी राशन की दुकानों से आसानी से राशन मिल सकेगा और भ्रष्टाचार को कम किया जा सकेगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक शहरी क्षेत्र में वर्तमान में करीब 13 हजार मशीनें लगी हैं जिससे डीलरों की मनमानी पर अंकुश लगा है और लाखों फर्जी राशन कार्ड भी पकड़े जा चुके हैं। अब ग्रामीण इलाकों के 2.90 करोड़ उपभोक्ताओं को इस मशीन के जरिए ही राशन मुहैया कराया जाएगा।

संस्कृति स्कूल के नाम की जमीन

कैबिनेट ने राजधानी के सुल्तानपुर रोड स्थित चक गजरिया फार्म में संस्कृति स्कूल की भूमि को विद्यालय की सोसाइटी के नाम करने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। दरअसल सीबीएसई बोर्ड द्वारा संचालित इस स्कूल को मान्यता दिए जाने के लिए भूमि का सोसाइटी के नाम होना आवश्यक था। इसका निर्माण लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा 65 करोड़ की लागत से किया गया है। इसमें प्रशासनिक सेवा और राज्य कर्मचारियों के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।

फैजाबाद में बनेगा 220 केवी का उपकेंद्र

कैबिनेट ने फैजाबाद में 220 केवी के उपकेंद्र के निर्माण के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग की 2.633 हेक्टेयर भूमि को बेचने का निर्णय लिया है। इसके लिए ऊर्जा विभाग माध्यमिक शिक्षा विभाग को सर्किल रेट के मुताबिक 84.25 लाख रुपये का भुगतान भी करेगा। इसका निर्माण 70 फीसद धनराशि वित्तीय संस्थाओं से लेकर और 30 फीसद धनराशि निजी माध्यम से जुटाकर किया जाएगा।

25 लाख के बिल का होगा भुगतान

कैबिनेट ने शैक्षिक सत्र 2018-19 में राष्ट्रीयकृत मुद्रण एवं प्रकाशन नीति में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है। ध्यान रहे कि बेसिक शिक्षा की किताबों के मुद्रण एवं प्रकाशन करने वाली कंपनियों को शत-प्रतिशत आपूर्ति के बाद ही 75 फीसद धनराशि का भुगतान किया जाता था। हालिया संशोधन के बाद जिला स्तर पर 25 लाख रुपये के बिल पर 75 फीसद का भुगतान करने के प्रस्ताव को मंजूर कर लिया गया है। यह भुगतान रनिंग बिल के आधार पर किया जाएगा। आपूर्ति में विलंब होने की सूरत में भुगतान में कटौती भी होगी।

आधुनिक तकनीक से डालनी होगी पाइपलाइन

कैबिनेट ने यह हिदायत भी दी है कि पाइपलाइन डालते वक्त सतह पर होने वाली गतिविधियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। इसके लिए आधुनिक तकनीक के जरिए पाइपलाइन डालनी होगी। कंपनी को खुली जगहों पर पाइपलाइन डालते वक्त सेफ्टी मानकों को पूरा ध्यान रखना होगा। कंपनी को चैबर्स और पोल मास्ट लगाने की अनुमति नहीं होगी। कंपनी इस दौरान खुद का अथवा किसी अन्य का बिना अनुमति कोई विज्ञापन भी प्रदर्शित नहीं कर सकेगी। इस दौरान जनसुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखना होगा। रोड कटिंग की सूरत में नगर निगम के नियमों के मुताबिक भुगतान करना होगा।

इन शहरों में शुरू हो चुकी है पीएनजी

मेरठ, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, बरेली, मथुरा, आगरा, झांसी, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद और लखनऊ

एलपीजी सिलेंडर से सस्ती है पीएनजी

- एलपीजी सिलेंडर की तुलना में पीएनजी दस प्रतिशत सस्ती पड़ती है

- जिन उपभोक्ता एलपीजी सिलेंडर (सब्सिडी) 440 का पड़ता है और जितना खाना वह उस बनाते हैं, पीएनजी में वही खर्च मात्र 400 रुपए का होगा

सुरक्षित भी है पीएनजी

एलपीजी सिलेंडर की तुलना में पीएनजी बहुत सुरक्षित है। इसमें सिलेंडर फटने का खतरा नहीं रहता है। इसके साथ ही अगर गलती से इसके लिए बिछाई गई पाइप लाइन में आग लग भी जाती है तो सप्लाई खुद बंद हो जाएगी। आग लगने से प्रेशर बढ़ेगा जबकि इसकी सप्लाई के लिए एक निर्धारित प्रेशर होता है। लो प्रेशर होने पर भी सप्लाई बंद हो जाएगी। इसके अलावा पाइप लाइन में कई जगह वॉल्व लगे होते हैं जहां से इसे आसानी से बंद किया जा सकता है। मल्टीलेवल भवनों में ग्राउंड फ्लोर से लेकर हर मंजिल पर एक सेफ्टी वॉल्व होता है। सुरक्षा के कई मानक इसमें निर्धारित हैं।

कुल कनेक्शन : 25 हजार

इन इलाकों में हैं पीएनजी कनेक्शन

- गोमती नगर के विशाल खंड, विपुल खंड, विकास खंड, विभूति खंड, विश्वास खंड, विराट खंड,

- आशियाना और एलडीए कॉलोनी में

- वृंदावन योजना सेक्टर छह, सेक्टर -दो, सेक्टर-18

- रायबरेली रोड एल्डिको उद्यान,

- निशातगंज के निकट पेपर मिल और मेट्रो सिटी

- इंदिरा नगर सेक्टर 8, 9 और 12

इन इलाको में बिछाई जानी है पाइपलाइन

इंदिरा नगर : ए, बी, सी और डी ब्लाक, जॉपलिंग रोड, बटलर पैलेस, डॉलीबाग

इन इलाकों में निवासी पीएनजी के लिए ग्रीन गैस लिमिटेड से सम्पर्क कर सकते हैं।

इन पर कर सकते हैं सम्पर्क

मोबाइल नम्बर -05224088530

अब पीएनजी की पाइपलाइन बिछाने का काम तेजी से हो सकेगा। इससे पब्लिक को भी काफी राहत मिलेगी।

- जिलेदार, एमडी, ग्रीन गैस लिमिटेड