अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों ने सुनाई कविताएं

ALLAHABAD: बाघम्बरी क्षेत्र श्री रामलीला कमेटी भारद्वाजपुरम अल्लापुर की ओर से सोमवार को रामलीला पार्क के तुलसी मंच पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें स्थानीय कवियों के साथ ही कई प्रसिद्ध कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की।

अक्षय स्मारिका का विमोचन

शुभारंभ मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने दीप प्रज्जवलित कर एवं मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया। इस अवसर पर रामलीला कमेटी द्वारा प्रकाशित रामलीला अक्षय स्मारिका का लोकार्पण किया गया। न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने कविता को राष्ट्रीय चेतना व सामाजिक सरोकार का प्रतीक बताया। संचालन कवि डॉ। श्लेष गौतम ने किया। मुंबई से आए कवि सरदार प्रताप फौजदार ने कटाक्ष करते हुए कविता 'करते रहे निरोगी काया कभी योग के दर्शन से, लेकिन अब तो मनोरोग ही फैला योग प्रदर्शन से' सुनाया। लखनऊ से आए डॉ। सुमन दुबे ने अपनी रचना 'मैं दोस्ती वफा का चलन बन के आई हूं, आशाओं की मैं फिर से किरण बनके आई हूं' प्रस्तुत किया। दिल्ली से आए मनवीर मधुर ने भारत की महानता का वर्णन करते हुए कविता 'बलिदानी त्यागी और तपस्वी जन्म लेते रहे, ऐसी रही भारत की महान परंपरा' सुनाया। संचालन कर रहे श्लेष गौतम ने अपनी रचना 'पाप की लंका ढह जाएगी, पापी भी डर जाएगा, सत्य अहिंसा की पूंजी से देश ये जब भर जाएगा' सुनाया। इस अवसर पर शहर उत्तरी विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी, अध्यक्ष सुधीर द्विवेदी, फूलचंद्र दुबे, राम आसरे दुबे, विनोद चंद्र दुबे, लालता प्रसाद पांडेय, यदुनाथ द्विवेदी, महादेव द्विवेदी, धनंजय सिंह, राजेंद्र तिवारी दुकान जी, डा। कृष्ण सिंह आदि मौजूद रहे।