- लगातार हो रहा है पुलिस पर हमला, कभी फाड़ रहे हैं वर्दी तो कभी लूट रहे हैं सरकारी पिस्टल

- पीएम के संसदीय क्षेत्र में नहीं रही पुलिसिया हनक

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इन दिनों यूपी में बदमाशों के पुलिस पर भारी पड़ने की खबरें चर्चा में हैं। प्रदेश सरकार भी पुलिस की तेजी से खुश है। कभी कोई बदमाश पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो रहा है तो कभी किसी शातिर को पुलिस पकड़कर जेल भेज रही है। हर ओर यूपी पुलिस की वीरगाथा को चिल्ला चिल्ला कर बयां किया जा रहा है। लेकिन बनारस में खाकी से बदमाश खौफ नहीं खाते। ये सुनकर आश्चर्य तो जरुर हो रहा होगा। लेकिन ये सच है। दरअसल यूपी में नई सरकार बनने के बाद अकेले बनारस में पुलिस पर हमले की 10 घटनाएं हो चुकी हैं। बदमाश पुलिस के इकबाल को चुनौती दे रहे हैं।

दरोगा से सिपाही तक सब निशाने पर

चौंकाने वाली बात ये है कि बनारस में बदमाशों और अवांछनीय तत्वों के निशाने पर दरोगा से लेकर सिपाही हैं। हाल ही में लंका के महामनानगर कॉलोनी में फैंटम दस्ते के दो सिपाहियों को कुछ लोगों ने न सिर्फ पीटा बल्कि उनकी वर्दी फाड़ने के बाद डंडा और लाइसेंसी रिवाल्वर भी छीन ली। बीएचयू में दरोगा को कुछ स्टूडेंट्स ने दौड़ा दिया। लगातार पुलिस पर हमलों के बाद भी कार्रवाई के मामले में सुस्ती भी इस तरह के लोगों को बल दे रही है। जिसके कारण पुलिस का मनोबल तो टूट ही रहा है साथ में सवाल ये भी उठ रहा है कि अगर पुलिस खुद सेफ नहीं तो दूसरों की सेफ्टी कैसे होगी?

कब हुए खाकी पर हमले

- 12 सितम्बर बीएचयू में बवाल के बाद दारोगा रजनीश सिंह व एक सिपाही को छात्रों ने बिड़ला हॉस्टल में दौड़ा दिया

- 13 सितंबर को फूलपुर में दलित बस्ती में जुआ की सूचना पर पहुंचे कांस्टेबल्स संग नोकझोंक

- 13 सितम्बर लंका महामनापुरी कॉलोनी में शराबियों ने दो सिपाहियों की वर्दी फाड़कर लूटा

- 18 अगस्त कैंट थाने में घुसकर दरोगा पर हमला

- 30 जून फूलपुर में अवैध कब्जा रोकने गई पुलिस टीम पर पथराव

- 12 जून पशु तस्करों ने जंसा में पुलिस को पीटा