-सीओ चेतगंज अंकिता सिंह के लिए कर्म और धर्म दोनों हैं एक समान

-समुदाय की रक्षा के लिए हर दम रहती हैं चैतन्य

-घर से लेकर कानून व सुरक्षा व्यवस्था की बेहतर संभालती हैं जिम्मेदारी

VARANASI

शारदीय नवरात्र में पूजी जाने वाली नौ देवी के स्वरूप में सातवें दिन कालरात्रि की आराधना की जाती है। देवी का यह रूप सुरक्षा प्रदान करने वाला है, जिस प्रकार आज की नारी सेना व पुलिस में रहकर स्वयं और परिवार को ही नहीं बल्कि पूरे समुदाय को सुरक्षा दे रही हैं और साथ ही ममतामयी मां भी हैं। पुलिस विभाग वाराणसी में डिप्टी एसपी अंकिता सिंह का नाम देवी कालरात्रि के रूप को परिभाषित करता है। सीओ चेतगंज के रूप में अंकिता सिंह जहां समुदाय को कड़ी सुरक्षा प्रदान कर रही हैं तो वहीं परिवार का भी अच्छी तरह से ख्याल रख रही हैं। अपराधियों के लिए अंकिता सिंह जितना क्रूर हैं उससे कहीं ज्यादा बच्चों पर प्यार भी लुटाती हैं। वह कर्म और धर्म दोनों को एक समान मानती हैं। ऑफिस में पहुंचने वाले दीन दुखियों की मदद के लिए फेमस अंकिता सिंह के मृदुभाषी स्वभाव ने पुलिस विभाग के बहुत हद तक मायने भी बदल दिए हैं।

कर्तव्यनिष्ठा है शीर्ष पर

मूलत: देवरिया की रहने वाली अंकिता सिंह पिछले कई सालों से बनारसस स्थित पुलिस लाइन में ही रह रही हैं। 2012 में डिप्टी एसपी अखिलेश सिंह से परिणय सूत्र में बंधी अंकिता सिंह मानती हैं कि घर संभालना और बेहतर पुलिसिंग दोनों चुनौतीपूर्ण कार्य है। पांच साल के मासूम बेटे यशवर्धन की मां अंकिता सिंह मौजूदा समय में सीओ चेतगंज हैं। हर दिन वीवीआईपी दौरे वाले शहर बनारस में कानून व सुरक्षा व्यवस्था को बनाये रखने के लिए चुनौती फेस करना हर किसी के लिए आसान नहीं होता है। इसके बाद भी अंकिता सिंह अपनी काबिलियत और लगन के बूते हर जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं। जिस दिन काम की अत्यधिक व्यस्तता के चलते बच्चे को समय नहीं दे पाती हैं तो उस दिन उनका मन बेचैन हो उठता है। ड्यूटी से समय निकालकर ससुराल आजमगढ़ जाने व मायके देवरिया में परिजनों से कुशलक्षेम जानने के लिए भी बेकरार रहती हैं। घर-परिवार से लेकर नाते-रिश्तेदारों के बीच हर वक्त उपलब्ध रहती हैं। कहती भी हैं कि घर-परिवार की जिम्मेदारी संभालने में पति डिप्टी एसपी अखिलेश सिंह मजबूती के साथ खड़े रहते हैं, इसलिए बहुत अधिक प्रॉब्लम नहीं होती है।