- बेटी की मैरिज एनवर्सरी भी नहीं देख सका पिता

- मासूम बेटा और हार्ट के मरीज पिता हुए बेसहारा

LUCKNOW: रोज की तरह अरुण, अनिल और अवनीश शुक्रवार को घर से काम पर निकले थे। लेकिन उन्हें नहीं मालूम नहीं था कि दिन ढलने के साथ उनके सकुशल वापस लौटने की जगह उनके परिवार का सूरज अस्त होने की खबर मिलेगी।

अभी बिटिया के हाथ पीले करने थे

शिवनगर खदरा निवासी अरुण सिंह एस.एम.एस सिक्योरिटी एजेंसी में गनमैन थे। उनकी ड्यूटी कैश वैन के साथ थी। बदमाशों की गोलियों के शिकार हुए अरुण सिंह के परिवार में उनकी पत्नी दो बेटियां और एक बेटा है। बड़ी बेटी रूबी की शादी कर चुके है, लेकिन छोटी बेटी रश्मि की शादी की तैयारी कर रहे थे। बेटे शिवशरण की पिछले साल ही शादी हुई थी। बेटी की शादी के साथ इस होली में बेटे की पहली एनवर्सरी की तैयारी चल रही थी। दिल दहला देने वाली घटना के बाद पूरा परिवार बिखर गया।

किसने भरोसे चलेगा परिवार

लूटकांड में मारने गए कैश लोडर अनिल सिंह (ख्8) की कच्ची गृहस्थी थी। मूल रूप से सीतापुर से आकर किराये के मकान में रहने वाले अनिल के पिता लल्ला सिंह हार्ट पेशेंट है। परिवार में पत्नी रीना और ढाई साल का बेटा अंश, पांच साल की बेटी अंशिका है। अनिल के मौत की सूचना मिलते ही उसका बड़ा भाई मदन मोहन सीतापुर से पोस्टमॉटर्म हाउस पहुंचा। रूधे गले से मदन ने बताया कि भाई की कच्ची गृहस्थी टूट गई अब उसे कौन संभाले का। जबकि वह अकेले पूरे परिवार का सहारा था।

अपनों के इंतजार में

लूटकांड में बदमाशों की गोलियों का शिकार हुए अवनीश शुक्ला की डेडबॉडी अभी भी मॉच्र्यूरी में बंद है। साथियों ने उनके नाम और पता की शिनाख्त कर दी, लेकिन देर शाम तक उसकी बॉडी को हाथ लगाने वाला कोई अपना नहीं पहुंचा।