- छात्रसंघ चुनाव टालने का विरोध करने वालों पर लाठी चार्ज की हो रही निंदा

- गिरफ्तार किए गए छात्रों को थाने से ही मिली जमानत

GORAKHPUR: यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों से बवाल के बाद पुलिस के लाठी चार्ज किए जाने की निंदा हो रही है। पिटाई से आहत छात्र अभी सामने नहीं आ रहे लेकिन सोशल मीडिया पर उनके पक्ष में खूब पोस्ट किए जा रहे हैं। छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटे जाने के मामले में चहुंओर घिरने के बाद पुलिस बैकफुट पर आ गई है। गिरफ्तार छात्रों को जहां थाने से निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। वहीं मुकदमे में हत्या के प्रयास की गंभीर धारा को खत्म करने की तैयारी चल रही है। छात्रों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराने में चूके पुलिस-प्रशासन के अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। वहीं एक संगठन से जुड़े छात्रनेताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किए जाने की भी खूब चर्चा है। इस मामले में कुछ छात्र नेता कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं।

यह था मामला

डीडीयूजीयू में स्टूडेंट्स इलेक्शन डिप्टी सीएम द्वारा टालने के बाद छात्र नेता शुक्रवार की सुबह प्रशासनिक भवन पर प्रदर्शन कर रहे थे। तभी कुछ लोगों ने प्रशासनिक भवन में ताला बंद करके बिजली काट दी। विरोध जताने पर एक कर्मचारी को पीट दिया। चैनल गेट का ताला खुलवाने को लेकर छात्रों और पुलिस के बीच कहासुनी हुई तो मामला बढ़ गया। पुलिस ने पीटकर छात्रों को भगा दिया। प्रशासनिक भवन से भागकर छात्र हॉस्टल में पहुंच गए। दोपहर में एयरपोर्ट जा रही सीएम की फ्लीट पर पत्थर चला दिया। इससे बौखलाई पुलिस ने हॉस्टल में घुसकर लाठियां चटकाई। बवाल से दूर रहकर पढ़ाई कर रहे छात्रों को पकड़कर थाने ले गई। इस मामले में तीन-तीन अलग तहरीर के आधार पर 27 नामजद और 100 अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया गया। ज्यादती के मामले में कुछ छात्रनेता कोर्ट जाने की तैयारी में जुटे हैं। हालांकि उपचार कराने की वजह से वह अभी सामने नहीं आ रहे हैं।

थाने से मिली जमानत, घर भेजे गए छात्र

प्रशासनिक भवन और हॉस्टल में लाठी चला रही पुलिस ने 18 छात्रों को हिरासत में लिया। इनमें से कुछ का कोई दोष सामने नहीं आने पर पुलिस ने रात में छोड़ दिया। गिरफ्तार किए गए सात अन्य छात्रों को थाना से जमानत दे दी गई। यूनिवर्सिटी चौकी प्रभारी की तहरीर पर दर्ज हत्या के प्रयास के मुकदमे सहित कई धाराएं हटाने की तैयारी चल रही है। इससे छात्रों को गंभीर मुकदमे झेलने से राहत मिल जाएगी। उधर कैंपस में इस बात की चर्चा रही कि छात्रों के उग्र होने पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने सूझबूझ नहीं दिखाई। छात्रों को समझाने-बुझाने के बजाय बल प्रयोग से शांत कराने का प्रयास किया गया। यह भी कहा जा रहा है कि एक विशेष संगठन के इशारे पर पूरी कार्रवाई हुई ताकि विरोधियों को पस्त किया जा सके। कैंपस और हॉस्टल में घुसकर लाठी चलाने के मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन की शिकायत हो रही है। कई संगठन और पूर्व छात्रनेता अपना विरोध सोशल मीडिया के जरिए जता रहे हैं।

वर्जन

छात्रों पर दर्ज मुकदमे से हत्या के प्रयास का मामला हटा दिया जाएगा। पकड़े गए छात्रों को थाना से ही जमानत पर छोड़ दिया गया था। इस मामले में सीनियर ऑफिसर्स के निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी।

- मनोज पाठक, इंस्पेक्टर कैंट