- प्रशासन पर दबाव बना तो खोज ली डेड बॉडी

- तीन दिन से कर रहा था तो घुम राह तो अचानक कैसे खोज ली पुलिस ने डेड बॉडी

- पुलिस की कार्य प्रणाली पर खड़े हो रहे है कई सवाल, पुलिस से थी आरोपी की मिलीभगत

- प्रशासन पर प्रोफेसर्स और स्टूडेंट्स लीडर का दबाव बना तो मजबूरी में निकाली गई डेड बॉडी

Meerut: देवालिका के अपहरण के बाद हत्या करने के मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस प्रशासन भी छात्रा के अपहरण के बाद हत्या के मामले में पूरी तरह घिरा हुआ है। जी हां तीन दिन से जिन जंगलों में पुलिस की चार टीम सर्विलांस और क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर देवालिका को खोजने का दावा कर रही थी, वह दावा झूठा दिखाई दे रहा है। आरोपी सावन जैन और उसके परिजन जानते थे कि छात्रा की डेड बॉडी कहां है। पुलिस को भी मालूम था कि डेड बॉडी कहां है? लेकिन सियासी और खाकी वर्दी के दबाव में वह मामले को दबाने में लगी थी? लेकिन प्रोफेसर्स के दबाव में पुलिस को पर्दाफाश करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

क्या थी मंशा

आरोपी सावन जैन के दादा पूर्व में एसडीएम रह चुके हैं। ऐसे में उनकी अधिकारियों और लखनऊ में भी जान पहचान अच्छी बताई जा रही है। यहां भी कई अधिकारियों से उनके अच्छे संबंध बताए जा रहे हैं। एक सम्मान जनक पद से रिटायर्ड होने के बाद उनकी प्रशासन में इज्जत भी ठीक ठाक है। लेकिन पोते की इस करतूत में उन्होंने भी पूरी पनाह दी है। दादा के साथ पिता राजीव का भी मानना था कि यदि डेड बॉडी नहीं मिलेगी तो वह खुद और अपने बच्चे को इस आरोप से बचाकर आराम से बाहर निकला सकते हैं। पुलिस से सेटिंग गेटिंग का खेल हो चुका था।

अचानक कहां से मिल गई देवालिका

पुलिस सरधना गंगनहर के आसपास जंगल में तलाश रही थी। पुलिस ने कई बार जंगल खंगाला, फिर भी कुछ हाथ नहीं लगा। शिक्षकों के ख्ब् घंटे के अल्टीमेटम के बाद गुरुवार को अचानक पुलिस के सर्च अभियान की 'दिशा' बदल गई। अचानक शव मिलना पुलिस पर कई सवाल खड़े कर रहा है। साफ है जिस शव को पुलिस तीन दिन से ढूंढ रही थी, वह आसानी से पुलिस को आखिर कैसे मिल गई? शव काफी खराब स्थिति में था। परिजन शव को देखकर आरोप लगा रहे थे कि सावन अकेले इस तरह हत्या नहीं कर सकता। हत्या में कोई और भी शामिल जरूर होगा। उन्होंने पुलिस पर दबाव पड़ने पर शव किसी दूसरी जगह से लाकर डालने का आरोप भी लगाया है, जो संकेत दे रहा है सावन और सावन के परिजनों के साथ मिलकर पुलिस शव लेकर आई है, पुलिस जानती थी कि शव कहां मिला था।

सवाल मांगते जवाब?

- परिजनों की मंशा थी बॉडी नहीं मिलेगी तो कुछ नहीं बिगड़ सकता, क्या इसलिए पुलिस से सेटिंग करके छिपाई गई थी बॉडी?

- तीन दिन से सावन जैन की निशानदेही पर नहीं मिली बॉडी तो गुरुवार को सावन की निशानदेही पर कैसे मिल गई बॉडी?

- किसके दबाव में थी पुलिस, क्या थी आरोपी से मिली भगत?

- क्या पूर्व एसडीएम के दबाव में थी पुलिस?

- भाजपा नेता की रिश्तेदारी होने के चलते था पुलिस पर था दबाव?

- जिन जंगलों में पुलिस ने पहले की थी छानबीन वहां अचानक कैसे आ गई देवालिका की बॉडी?

- ग्रामीणों ने भी कहा कि बुधवार रात तक कोई बॉडी नहीं थी तो कहीं ऐसा तो नहीं पुलिस पर दबाव बनने के बाद जहां आरोपी ने अपने परिजनों की मदद से बॉडी फेंकी थी, वहीं से बॉडी लाकर डाली गई हो?