बैंक में सुरंग के मामले में चोर पांच कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क लेकर गए है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि नोट बंदी के दौरान किसी मैनेजर के खिलाफ जांच आई हो उसने कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क गायब करवाई है। सभी पहलुओं पर जांच चल रही है।

-मान सिंह एसपी सिटी

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प्रथम दृष्टया पुलिस पहले तो यह मानने को तैयार नहीं थी कि बैंक में सुरंग बनी है। अब बैंक अधिकारियों पर रिकार्ड गायब करने का आरोप लगाकर पुलिस मामले को दूसरी तरफ डायवर्ट करने का प्रयास कर रही है।

-शानू मुखर्जी, ब्रांच मैनेजर यूनाईटेड बैंक आफ इंडिया

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-बैंक अधिकारी बोले, पुलिस घटना को करना चाह रही है डायवर्ट

-पुलिस बोली-नोटबंदी के दौरान बैंक का रिकार्ड किया गया है गायब

मेरठ: दिल्ली रोड स्थित यूनाईटेड बैंक आफ इंडिया की शाखा में बदमाशों द्वारा खोदी 18 फीट लंबी सुरंग के मामले में पुलिस की थ्योरी और बैंक अधिकारियों के बयानों पर नई बहस छिड़ गई है। हालत यह है कि पुलिस और बैंक अधिकारी एक दूसरे के आमने सामने आ गए हैं। एक ओर पुलिस घटना के 48 घंटे गुजरने के बाद भी हाथ खाली है तो पुलिस सॉफ्टवेयर और डाटा चोरी को बैंककर्मियों पर ही थोप रही है। वहीं मैनेजर ने साफ कर दिया कि पुलिस बड़ी घटना को डायवर्ट करने कोशिश कर रही है।

नोटबंदी से जोड़ रहे घटना

एसपी सिटी मान सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि बदमाशों को हार्ड डिस्क चुराने से क्या फायदा होगा। उनका मानना है कि बैंक कर्मचारियों ने कंप्यूटर में फीड डाटा गायब करने के लिए यह कहानी रची है। हालांकि पुलिस अन्य पहलुओं पर भी जांच कर रही है।

आसपास के सीसीटीवी खंगाले

टीपी नगर थाना पुलिस ने गुरुवार को आसपास के सीसीटीवी खंगाले किंतु कुछ हाथ नहीं लगा। बैंक में सुरंग बनाने का मामला अभी तक एसपी सिटी के गले नहीं उतर रहा है। बैंक अधिकारियों ने आनन फानन में बिना पुलिस अधिकारियों को बताए सुरंग को बंद भी करवा दिया, ये भी जांच का विषय है।

गड़बड़ी पर भी संदेह

एसपी सिटी का कहना है कि नोटबंदी के दौरान कई बैंकों में गड़बडि़यां सामने आई थी। दिल्ली समेत कई प्रदेशों में बैंक मैनेजरों को पुलिस ने दबोचा था। हो सकता है कि इस बैंक की शाखा में नोटबंदी के दौरान कुछ गड़बडि़यां रही हो। कंप्यूटर में उसका रिकार्ड हटाने के लिए बैंक के पूर्व प्रबंधक व कर्मचारियों ने सभी कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क चोरी कराई गई हो।

खिड़की भी तोड़ सकते थे

एसपी सिटी ने बताया कि बैंक परिसर में छह बाई तीन फुट की तीन खिड़कियां है। जो गली के बाहर की तरफ खुलती है। अगर बदमाश को बैंक स्ट्रांग रूम तक पहुंचना था तो वह सबसे आसान काम खिड़की तोड़कर बैंक में प्रवेश करते। वह बैंक के अंदर पहुंचने तक 18 फीट की सुरंग नहीं बनाते।

बैंक में शुरू हुआ लेनदेन

गुरुवार को बैंक में रोजमर्रा की तरह काम हुआ। कई ग्राहकों ने अपना लॉकर भी आकर चेक किया। बैंक मैनेजर शानू मुखर्जी ने बताया कि गुरुवार को बैंक सुचारू रूप से खोला गया।

ये हैं अनसुलझे सवाल

1.बदमाशों को पता होगा कि बैंक में लॉकर आसानी से नहीं खुल पाएगा। बैंक का लॉकर काटने के लिए वह अपने साथ कटर क्यों नहीं लाए?

-अगर कटर लाते तो कहीं पर लॉकर काटने के निशान मिलते ।

2.बैंक में बहुत कम कीचड़ के निशान मिले है। ऐसा लग रहा था कि कीचड़ के निशान बनाए गए है। अगर कोई 18 फिट सुरंग से नाले से आ रहा होगा तो उसका पूरा शरीर कीचड़ में होगा। जहां से वह निकला होगा वहां भी कीचड़ के काफी निशान होंगे। लेकिन बैंक में सिर्फ एक ही जगह कीचड़ के निशान मिले ?

3.चार फीट गहरे नाले के पानी के अंदर दो फीट की खुदाई करनी आसान काम नहीं है। यह बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकता है?

4. बैंक के अंदर घुसने पर तुरंत ही अलार्म बजता है। लेकिन बैंक का अलार्म क्यों नहीं बजा ?

5. सीसीटीवी कैमरे जिस तरीके से मोड़े गए है उससे साफ पता चलता है कि घटना में शामिल बैंक कर्मी इसमें जरूर शामिल रहा होगा। उसने बैंक की सभी लोकेशन के बारे में बताया होगा।

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