कबाड़ बीनते हैं

कबाड़ बीनने के बहाने दिन में बंद घरों की रेकी कर रात को सेंधमारी करने वाले चोर गिरोह को पुलिस ने मंडे को दबोच लिया। गिरोह की मास्टर माइंड दो महिलाएं हैं, जबकि तीन किशोर गैंग के सदस्य थे। गैंग का छठवां किशोर सदस्य अभी पुलिस गिरफ्त से दूर है। पूछताछ में आरोपितों ने सिटी में हुई छह चोरियों में संप्लिता की बात स्वीकारी। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर हजारों की नगदी और लाखों रुपए की ज्वेलरी भी बरामद कर ली। पुलिस ने सभी को कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

पुलिस ने दबोचा

धर्मपुर एरिया में पिछले दो माह में ताबड़तोड़ चोरियां हो रही थीं। बंद घरों के ताले टूटना आम बात हो गई थी। नेहरू कॉलोनी एसओ अमरजीत सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम इसकी  गहन जांच कर रही थी। 12 दिसंबर को शाम साढ़े चार बजे पुलिस टीम को सूचना मिली कि कुछ संदिग्ध महिलाएं व किशोर घरेलू सामान को मोथरोवाला चौक पर रेलवे क्रॉसिंग के पास पटरी के किनारे छुपा रहे हैं, जबकि कुछ को वह अपने साथ लेकर मार्केट की ओर जा रहे हैं। पुलिस ने घेराबंदी कर सभी को मौके पर ही दबोच लिया।

टीम को मिलेगा ईनाम

पूछताछ में उनकी पहचान प्रीति उर्फ रेखा पत्नी उदय साहनी, सविता पत्नी परमेश्वर सिंह, मुकेश पुत्र परमेश्वर सिंह सभी निवासी कांवली रोड के रूप में हुई। पकड़े गए किशोरों में राजा रेखा का पुत्र है, जबकि मुकेश सविता का पुत्र बताया जा रहा है। इसके अलावा गैंग में चंदन पुत्र अधनु साहनी निवासी धर्मपुर और थापा साहनी निवासी कांवली रोड है। इनमें से थापा साहनी अभी भागा हुआ है। दो महिलाएं का रिश्ता आपस में समधनों का है। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि उन्होंने थाना रायपुर, नेहरू कॉलोनी, डालनवाला में चार बड़ी चोरियों को अंजाम दिया था। एसओ ने बताया कि गैंग की मास्टरमाइंड दोनों महिलाएं हैं, जबकि सभी किशोरों की उम्र 15 से 20 के बीच हैं। उधर, एसएसपी जीएन गोस्वामी ने चोरों के गैंग को पकडऩे में शामिल टीम को नगद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

ये थी इनकी modus operandi

अगर आपके घर के आसपास कबाड़ बीनने वाले आते हों और उनकी नजरें संदिग्ध लगे तो तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दें। पकड़े गए चोरों ने पुलिस को बताया कि गैंग के सभी सदस्य डेली सिटी के अलग-अलग एरियाज में निकलते थे। कबाड़ बीनने के बहाने वह पॉश एरियाज में घुसपैठ करते और पैनी निगाहों से घरों की तलाशी लेते। इस दौरान किसी घर के मुख्य गेट पर ताला लटका मिलता तो उसे चिन्हित कर लिया जाता। एहतियातन दूसरे दिन भी उस घर की रेकी कर ली जाती। अगर दो दिन तक घर के ताले नहीं खुलते तो रात को तय प्लानिंग के तहत चोरी कर माल साफ कर दिया जाता था।