- रेलवे में टिकट कलेक्टर और एंबुलेंस सेवा में इमरजेंसी मेडिकल एक्जिक्यूटिव की नौकरी का झांसा देकर सैकड़ों बेरोजगारों को ठगा

- फर्जी नियुक्ति व प्रशिक्षण पत्र, बायोटाडा, कंप्यूटर, प्रिंटर, मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद

LUCKNOW: हजरतगंज के रेप्यूटेड कॉम्पलेक्स में ऑफिस और काम रेलवे में टिकट कलेक्टर व एंबुलेंस सेवा में नौकरी दिलवानापढ़कर चौंक गए नपर यह खबर है बिलकुल सच। लखनऊ क्राइम ब्रांच और हजरतगंज पुलिस की टीम ने ऐसे ही फर्जीवाड़ा कर रहे ऑफिस में छापा मारकर बेरोजगारों को सरकारी नौकरी बांटने के नाम पर ठगने वाले जालसाज को धर दबोचा.पुलिस ने आरोपी के ऑफिस से भारी मात्रा में फर्जी नियुक्ति पत्र, प्रशिक्षण पत्र, बायोटाडा, कंप्यूटर, प्रिंटर, मोबाइल फोन, डेबिट कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किये। शुरुआती पड़ताल में पता चला है कि गिरफ्त में आया जालसाज अब तक सैकड़ों बेरोजगारों को नौकरी के नाम पर चूना लगा चुका था।

मोबाइल फोन्स से फांसते थे

एसपी क्राइम दिनेश कुमार सिंह के मुताबिक, सतंकबीर नगर निवासी सुहैल अहमद ने हजरतगंज पुलिस से शिकायत की थी कि हजरतगंज स्थित रामकुमार प्लाजा में ग्लोबल मल्टी लिंक नाम से ऑफिस संचालित करने वाले आशीष कुमार शुक्ला ने उसके साथी वसी अहमद को एंबुलेंस सेवा में इमरजेंसी मेडिकल एक्जीक्यूटिव पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर क्.क्0 लाख रुपये ऐंठ लिये और उसे फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। इस शिकायत के बाद हजरतगंज पुलिस और क्राइम ब्रांच ने आरोपी के बारे मेंछानबीन शुरू की। छानबीन में लगाए गए आरोप सही पाए जाने पर शनिवार की रात क्राइम ब्रांच व हजरतगंज पुलिस की टीम ने राजाराम कुमार प्लाजा स्थित ग्लोब मल्टी लिंक के दफ्तर पर छापा मारा। पुलिस ने मौके से आरोपी आशीष कुमार शुक्ला को अरेस्ट कर लिया। पुलिस ने दफ्तर से इंडियन रेलवे के टिकट कलेक्टर पद के ब्8 फर्जी नियुक्ति पत्र, क्08 एंबुलेंस सेवा के फर्जी प्रशिक्षण पत्र, क्99 रजिस्ट्रेशन फॉर्म, क्ख् युवकों की सैकड़ों लोगों के मोबाइल नंबर की लिस्ट, कंप्यूटर सिस्टम, प्रिंटर व अन्य दस्तावेज बरामद किये।

फोन कर ढूंढते थे शिकार

एसपी क्राइम दिनेश कुमार सिंह के मुताबिक, आरोपी आशीष कुमार शुक्ला ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने ब् लड़कियां और क् लड़के को कॉल सेंटर एग्जिक्यूटिव के पद पर अप्वाइंट कर रखा था। उसने बताया कि वह विभिन्न मोबाइल नेटवर्क से कस्टमर्स की नंबर लिस्ट प्राप्त कर लेता था। लिस्ट मिलने के बाद उसके ऑफिस में बने कॉल सेंटर से उसके एग्जिक्यूटिव उन नंबर्स को कॉल कर बेरोजगारों को चिन्हित करते थे। इसके बाद उन बेरोजगारों को मीठी-मीठी बातें करके उन्हें ऊंची तनख्वाह पर सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे मोटी रकम ऐंठ लेते थे। इसके बाद जब शिकार बन चुका युवक नौकरी का तगादा करता तो उसे फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया जाता था। पूछताछ के दौरान अभियुक्त आशीष ने अब तक ख्भ्0 लोगों को ठगने की बात कबूल की है।