दोनों पर पुलिस पर पथराव और आगजनी का आरोप

आगजनी के सूत्रधार की जानकारी जुटा रही पुलिस

80 संदिग्ध व 30 बवाली चिह्नित किए पुलिस ने

150 से अधिक झुग्गियां जलकर हो गई थीं राख

180 परिवारों ने घर जलने का दावा कर जमा किए दस्तावेज

Meerut। भूसामंडी, मछेरान में अवैध निर्माण हटाने को लेकर पथराव, आगजनी के बाद दिल्ली रोड पर तोड़फोड़-लूटपाट करने के आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। जिसके तहत पुलिस की चार टीमों ने शनिवार को ताबड़तोड़ दबिश और घेराबंदी कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

30 बवाली चिह्नित

छह मार्च को कैंट बोर्ड की टीम, सदर बाजार थाना क्षेत्र की भूसा मंडी में अवैध निर्माण गिराने गई थी। वापस लौटते वक्त स्थानीय लोगों ने पथराव कर पुलिस व कैंट बोर्ड की टीम पर जानलेवा हमला कर दिया था। इस दौरान एक पुलिसकर्मी से वायरलेस सेट व कैंट बोर्ड कर्मचारी से मोबाइल भी लूट लिया गया था। लाठीचार्ज कर पुलिस चार लोगों को हिरासत में लेकर आ गई थी। इसके आधा घंटे बाद ही असामाजिक तत्वों ने आगजनी कर दी, जिसमें डेढ़ सौ से अधिक झुग्गियां जलकर राख हो गई थीं। उपद्रवियों ने दिल्ली रोड पर 22 वाहनों में तोड़फोड़ व लूटपाट की थी। सदर बाजार, देहली गेट व रेलवे रोड थाने में अब तक सात मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। सदर बाजार पुलिस नदीम नाम के युवक को जेल भेज चुकी है। साथ ही पुलिस ने अभी तक 80 संदिग्ध व 30 बवाली चिह्नित किए हैं।

दो आरोपी पकड़े

एसओ विजय गुप्ता ने बताया कि पकड़े गए आरोपी भूसा मंडी निवासी इश्तियाक पुत्र यामीन व अब्बास पुत्र रशीद हैं। दोनों आरोपी पुलिस पर पथराव के अलावा झुग्गियों में आगजनी की घटना में भी शामिल थे। एसपी सिटी डॉ। अखिलेश नारायण सिंह का कहना है कि बवालियों का चिन्हीकरण जारी है। शुक्रवार को चिह्नित बवालियों की संख्या 22 से बढ़कर 30 तक पहुंच गई थी। वहीं संदिग्धों की संख्या 60 से बढ़कर 80 पहुंच गई, जिन्हें फोटो-वीडियो से वेरीफाई किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बवाल के आरोपियों के खिलाफ रासुका और गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की जाएगी।

सूत्रधार की तलाश में पुलिस

एसपी सिटी ने बताया कि झुग्गियों में आगजनी करने तथा बवालियों को उकसाकर दिल्ली रोड पर ले जाने वालो की पहचान कराई जा रही है। पुलिस अग्निकांड के सूत्रधार पर पता लगा रही है। वहीं दूसरी ओर उन्होंने कहा कि आरोपियों की धरपकड़ के लिए ताबड़तोड़ दबिश दी जा रही है। हालांकि पुलिस के दावे उस समय खोखले भी साबित हो रहे थे जिस समय चिह्नित कई आरोपी शनिवार को मछेरान में घटनास्थल के आसपास ही मौजूद रहे।

दिनभर चलता रहा खाना

मछेरान में पीडि़त परिवारों के लिए दिनभर खाना चलता रहा। स्थानीय निवासियों और समाजसेवियों द्वारा रोटी और सब्जी का बंदोबस्त किया गया। वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों ने पुराने कपड़े भी बस्ती के बाहर रख दिए, जिससे यदि किसी को आवश्यकता हो तो अपने प्रयोग का कपड़ा यहां से उठा ले। घटनाक्रम के चौथे दिन क्षेत्र में तनावपूर्ण खामोशी थी तो वहीं लोग चादर तानकर खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर थे।

सहायता को लगाया कैंप

आगजनी में पीडि़त परिवारों को मुआवजा और सरकारी सहायता दिलाने के लिए कुछ लोगों ने बीड़ा उठाया। शनिवार को एक कैंप लगाकर पीडि़तों के पहचान पत्र और आधार कार्ड को यहां एकत्र किया जा रहा था। पूछताछ के बाद मालूम चला कि करीब 180 परिवारों ने अपना घर जलने का दावा करते हुए अपने दस्तावेज जमा कराए हैं।

सुस्त रही पुलिस

हादसे के चौथे दिन मछेरान एवं आसपास के क्षेत्रों में पुलिसकर्मी भी कुर्सियों पर बैठे सुस्ताते रहे। लोगों का आवागमन जारी रहा तो वहीं धार्मिक स्थल पर लोगों ने दोपहर को नमाज भी पढ़ी।