धार्मिक उन्माद भड़काने का आरोप
मुजफ्फरनगर में दंगा भड़काने के आरोप में संगीत सोम पुलिस के शिकंजे में आ गए। पुलिस उन्हें घर से लेकर आई। दंगे को लेकर चल रहा सियासी खेल अलग है, मगर इस आग में मेरठ के यंगेस्ट एमएलए की फर्स्ट अरेस्टिंग खुद में काफी खास है। धार्मिक उन्माद भड़काने का आरोप कई अन्य नेताओं पर भी है, मगर पुलिस की हिट लिस्ट में मेरठ को काफी ऊपर रखा गया। सवाल उठता है कि क्या यही न्याय है?
भेजे गए जेल
मुजफ्फरनगर के मामले में भाजपा विधायक सुरेश राणा के बाद संगीत सोम गिरफ्तार होने वाले दूसरे नेता हैं, जबकि संगीत सोम का दावा है कि उन्होंने खुद को सरेंडर किया है। अरेस्टिंग के बाद पुलिस ने संगीत सोम को मुजफ्फरनगर डिस्ट्रिक कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
सरकार पर आरोप
संगीत सोम का आरोप है कि सरकार ने उसे फंसाया है। पुलिस ने जो भी आरोप लगाए हैं, वो सभी आरोप बेबुनियाद और गलत हैं। मुजफ्फरनगर में दंगा सरकार की एकतरफा कार्रवाई का ही नतीजा है और सरकार अभी भी एकतरफा ही कार्रवाई की जा रही है।
Charges on Som
Charge 1 : धार्मिक उन्माद फैलाना
Section : 153 ए आईपीसी
Punishment : कानून के तहत इस धारा के आरोपी को 3 साल की सजा का प्रावधान है। इसमें आरोपी को बेल नहीं मिलती है।
Charge 2 : धारा 144 का उल्लंघन
Section : 188 आईपीसी
Punishment : इस धारा में आरोप सिद्ध होने पर एक महीने की सजा का प्रावधान है। जिसमें आरोपी को आराम से जमानत भी मिल जाती है।
Charge 3 : आईटी एक्ट का उलंघन
Section : 65 आईपीसी
Punishment : इस धारा के आरोपी को पांच साल की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही इसमें कोई जमानत भी नहीं है।
"दोपहर करीब साढ़े बारह बजे संगीत सोम को सलावा गांव से गिरफ्तार किया गया था, उनकी गिरफ्तारी के बावजूद माहौल पूरी तरह से शांत है। किसी भी गांव में अशांति की सूचना नहीं है."
- एमएम बेग, एसपी देहात, मेरठ