- पीपीगंज में स्वर्ण व्यवसायी से हत्या व लूट का मामला

- लुटेरों के पास से बरामद किया लूट की बाइक व जेवरात

GORAKHPUR: पीपीगंज इलाके में दो अप्रैल को स्वर्ण व्यवसायी से लूट और हत्या के मामले में पुलिस को कामयाबी मिली है। मंगलवार की रात क्राइम ब्रांच टीम ने मुखबिर की सूचना पर अकटहवां पुल के पास घेराबंदी कर लूट व हत्याभियुक्तों को गिरफ्तार किया। उनके पास से लूट की बाइक, नाइन एमएम पिस्टल व जेवरात बरामद किया गया।

स्वर्ण व्यवसायी तेजप्रताप वर्मा को गोली लगने और कर्मचारी आफताब की हत्या की घटना के बाद एसएसपी के निर्देश पर क्राइम ब्रांच की टीम बदमाशों की तलाश में लगी थी। इसी बीच सूचना मिली कि अकटहवां पुल के पास दो बदमाश किसी वारदात की योजना बना रहे हैं। सूचना के बाद हरकत में आई टीम मौके पर जा धमकी। पुलिस देखकर बदमाश मौके से भागने लगे। इस दौरान पुलिस ने चारों तरफ घेराबंदी कर बदमाशों को मौके पर ही दबोच लिया। पकड़े गए बदमाशों ने कोईल यादव, चचेरा भाई मनीष यादव निवासी तुर्कवलिया पीपीगंज के रूप में हुई। पुलिस की पूछताछ में दोनों ने अपना जुर्म कबूल किया। हालांकि अभी पहलवान उर्फ सिकंदर व सुनील निषाद फरार चल रहे हैं। पुलिस उनकी तलाश में लगी है।

पैसे की चाह में दिया वारदात को अंजाम

पीपीगंज कस्बा निवासी तेज प्रताप वर्मा ने कोईल यादव के बहन की शादी में जेवरात दिए थे। इसी बीच उसकी पहचान स्वर्ण व्यवसायी से हो गई। इसके बाद दोनों के बीच गठ गई। पैसे की चाह में कोईल ने अपने तीन साथियों के साथ लूट की वारदात को अंजाम देने के लिए योजना बनानी शुरू कर दी। सभी साथी इससे सहमत हुए। बताया कि मनीष यादव और पहलवान उर्फ सिकंदर रेकी कर रहे थे। घटनास्थल पर कोईल यादव और सुनील निषाद स्वर्ण व्यवसायी की राह तक रहे थे। इसी बीच स्वर्ण व्यवसायी अपने एक कर्मचारी के साथ बाइक से गुजर रहा था। लूट की नियत से पहुंचे बदमाशों ने उनका रास्ता रोक कर पिस्टल सटा दिया। कर्मचारी ने जब इसका विरोध किया तो उसे गोली मारकर मौके के घाट उतार दिया और फायरिंग करते हुए लूट कर फरार हो गए।

बहन के घर रखे थे लूटे हुए जेवरात

घटना को अंजाम देने के बाद कोईल यादव अपने साथियों के साथ बहन के घर डोहिया चला गया। यहां एक रात गुजारी और लूट का सामान रख दिया। उधर पुलिस उनकी तलाश में लगी थी। पुलिस का कहना है कि बदमाशों का सहयोग करने व लूट का माल रखने के मामले में बहन को भी आरोपी बनाया गया है।

मामा के रिश्तेदार का कत्ल

मुख्य आरोपी कोईल यादव 2013 में गोली मारने के मामले में आरोपी था। घटना को अंजाम देने के बाद वह फरार चल रहा था। फरारी के दौरान वह अपने मामा के घर में शरण लिया था। इसी बीच उसकी नीयत डोल गई और मामा की भतीजी को ही अगवाकर कर भाग निकला था। इस मामले में कुर्की का आदेश दिया गया था। वहीं आजमगढ़ के पास सरायमीर के पास एक मुठभेड़ में कोईल यादव जान बचाकर भाग निकला था। इसके बाद पुलिस की टीम उसकी तलाश में लगी थी। काफी प्रयास के बाद पुलिस की गिरफ्त आ गया। जेल में उसकी मुलाकात पंकज यादव से हुई। इससे पहले वह उसका शरणदाता था। इतना ही नहीं जेल में ही श्यामबाबू पासी से जान पहचान हुई थी। उसने कोईल यादव को दो टास्क दिए थे लेकिन वह उसे पूरा नहीं कर पाया।

वर्जन

क्राइम ब्रांच टीम ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। वह बधाई के पात्र हैं। फरार चले रहे बाकी बदमाश जल्द ही पुलिस के गिरफ्त में होंगे।

अनंत देव, एसएसपी