बदमाशों की धरपकड़ के लिए डीजीपी ने सभी अधिकारियों को दिए निर्देश

बैठक में शहीद सिपाही अंकित की वीरता का भी किया जिक्र

पुलिसकर्मियों को अब मिलेगा कॉप ऑफ द मंथ का अवार्ड

Meerut। 'मैं मेरठ में अपराध की समीक्षा करने नहीं आया हूं बल्कि पुलिस अधिकारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए आया हूं' यह बात डीजीपी ओपी सिंह ने पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता में कही। उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने में लॉ एंड आर्डर की बुनियाद मजबूत हुई है। इसके पहले पुलिस अधिकारियों की बैठक में डीजीपी ने कहा कि वे बदमाशों पर टूट पड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि जो अधिकारी काम करेगा वही जिले में रहेगा।

बदमाशों की पहचान करें

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि जिले के सभी एसएसपी व एसपी अपने जिले में मोस्ट वांटेड बदमाशों को चिंहित कर उन्हें गिरफ्तार करें। पुलिस सभी अपराधियों के साथ एक जैसा सलूक करे। उन्होंने कहा कि अब हर महीने हर थाने में जो भी इंस्पेक्टर, एसओ और पुलिसकर्मी सर्वश्रेष्ठ काम करेगा। उसे कॉप ऑफ द मंथ के पुरस्कार से नवाजा जाएगा। साथ ही उसकी फोटो व प्रमाण-पत्र पूरे महीने थाने में लगेगा, जिससे दूसरे पुलिसकर्मियों को भी प्रेरणा मिल सके। क्राइम मीटिंग में एडीजी प्रशांत कुमार, आईजी रामकुमार वर्मा, डीआईजी शरद सचान, एसएसपी मंजिल सैनी समेत जोन के नौ जिलों के सभी पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

शहीद सिपाही अंकित का भी जिक्र

डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान कई बार पुलिस के जवानों को भी गोली लगी है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों वीरता का परिचय देते हुए मुठभेड़ में पुलिस का एक सिपाही अंकित शहीद भी हो गया था।

मेरठ पुलिस की खुल गई पोल

डीजीपी ओपी सिंह ने जहां एक ओर फरियादियों की शिकायतें सुनने के लिए पुलिस अधिकारियों को सीधे संवाद करने की हिदायत दी। लेकिन, वहीं दूसरी ओर डीजीपी के सामने ही एक फरियादी ने मेरठ पुलिस की पोल खोल दी। सलामी के दौरान डीजीपी के पैरों में गिरकर गिड़गिड़ाने लगा। इसके बाद डीजीपी ने उसकी समस्या सुनी। हालांकि, डीजीपी ने कहा कि पुलिस अधिकारी जनता से सीधे बातचीत करें। और हर शिकायती -पत्र पर कार्रवाई के बारे में फरियादियों को एसएमएस से सूचित किया जाए।