द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: समाज में विधि का शासन हो। कानून व्यवस्था बनी रहे। इसके लिए पुलिस-प्रशासन कार्य करता रहता है। किसी कानून का उल्लंघन करने, कानून की नजर में अपराध करने पर पुलिस किसी को भी अरेस्ट कर सकती है। गिरफ्तारी से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख सीआरपीसी में किया गया है। गिरफ्तार होना हमेशा कोई अपराध करने या किसी अपराध को करने से विरत रहने के लिए की जाती है। लेकिन इस गिरफ्तारी में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं के लिए अलग से कानून बनाए गए हैं। इसमें महिलाओं को अनेक अधिकार दिए गए हैं।

पुलिस कब कर सकती है गिरफ्तार

- किसी व्यक्ति के संज्ञेय अपराध करने, कोई विश्वसनीय शिकायत मिलने या फिर पुख्ता जानकारी पर पुलिस अरेस्ट कर सकती है।

- किसी व्यक्ति के अपराधी होने, उसके पास से चोरी की प्रापर्टी बरामद होने, किसी अपराध में लिप्त पाए जाने पर गिरफ्तारी हो सकती है।

- किसी पुलिस अधिकारी को अपने कर्तव्य से रोकने, विधिपूर्ण अभिरक्षा से भागने या भागने का प्रयास करने पर गिफ्तारी के नियम हैं।

गिरफ्तारी पर ये हैं अधिकार

- जब किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है तो उसके पास यह अधिकार है कि पूछताछ के दौरान वह अपने पसंद के वकील से मिल सकता है।

- गिरफ्तार व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी के आधार और जमानत के बारे में सूचित किया जाता है।

- गिरफ्तार व्यक्ति को पुलिस उन सभी आधारों के बारे में बताएगी जिसके कारण उसे गिरफ्तार किया गया है।

- हर गिरफ्तार व्यक्ति का मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा।

- किसी की गिरफ्तारी गैर कानूनी तरीके से नहीं की जाएगी।

- अभियुक्त के मानवाधिकारों का हनन नहीं किया जाएगा।

महिलाओं की गिरफ्तारी में खास अधिकार

- किसी महिला की गिरफ्तारी के लिए वाजिब वजह होनी चाहिए।

- महिला की गिरफ्तारी, पूछताछ और तलाशी सिर्फ महिला पुलिस कर्मचारी कर सकेंगी।

- महिला को महिला थाना या अलग लॉकअप में रखा जाएगा। या फिर इसके अलग से इंतजाम किया जाएगा।

- बिना वारंट किसी महिला की गिरफ्तारी पर उसे कारण बताना होगा। जमानत संबंधी अधिकारों की जानकारी पुलिस देगी।

- गिरफ्तार महिला के निकट संबंधियों को सूचना देना पुलिस की ड्यूटी है।

- सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार जिस जज के सामने महिला को पहली बार पेश किया जा रहा हो। उस जज को चाहिए कि महिला से यह पूछे कि हिरासत में पुलिस ने दु‌र्व्यवहार तो नहीं किया।

मुफ्त में मिलेगी कानूनी सहायता

- महिलाओं को फ्री लीगल ऐड दिए जाने का प्रावधान है।

- आरोपी महिला मुफ्त में कानूनी मदद ले सकती है।

- अदालत में आवेदन करके सरकारी खर्च पर वकील मांग सकती है।

- आर्थिक स्थिति का ध्यान दिए बिना महिला को फ्री में वकील दिए जाएंगे।

- महिला की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की जिम्मेदारी है वह कानूनी सहायता कमेटी से संपर्क करे।

- महिला की गिरफ्तारी के संबंध में कमेटी को सूचना दी जाएगी।

- लीगल ऐड कमेटी महिला को मुफ्त में कानूनी सलाह देगी।