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AGRA: नागपुर में तैनात रक्षा वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल की हनीट्रैप में गिरफ्तारी के बाद एटीएस उनके साथियों की तलाश में सक्रिय हो गई है। आगरा एटीएस यूनिट ने कानपुर में तैनात एक रक्षा वैज्ञानिक को शहर से उठा लिया। कई घंटे तक चली पूछताछ के बाद हिदायत देकर छोड़ा लेकिन मोबाइल और लैपटॉप जब्त कर लिए हैं।

शनिवार को किया था अरैस्ट
नागपुर में पोस्टेड रक्षा वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को एटीएस ने शनिवार को अरैस्ट किया था। वे एक पाकिस्तानी फेसबुक आइडी से जुड़े थे। एटीएस सूत्रों के अनुसार निशांत अग्रवाल पाकिस्तानी जासूसों के जाल में फंसे हैं। महिला के नाम से फर्जी फेसबुक आइडी बनाकर वे निशांत से जुड़ गए। इसके बाद मालवेयर वायरस का लिंक भेज दिया। इसे क्लिक करते ही रक्षा वैज्ञानिक के कंप्यूटर से पूरा डाटा पाकिस्तान पहुंचने लगा।

एटीएस ने मारा छापा
सूत्रों के मुताबिक डाटा में ब्रम्होस मिसाइल समेत अन्य मिसाइलों का डाटा भी शामिल था। एटीएस ने निशांत को हिरासत में लेकर छानबीन शुरु की। उनके रुड़की स्थित आवास में भी छापा मारा। यहां से पुराना लैपटॉप बरामद किया है। टीम की जांच आगे बढ़ी तो संदेह के दायरे में उनके कई और साथी वैज्ञानिक आ गए। एटीएस ने इसी क्रम में कानपुर में तैनात बंगाल मूल के रक्षा वैज्ञानिक को आगरा से उठाया।

हिदायत देकर छोड़ा वैज्ञानिक
वैज्ञानिक यहां एक सेमिनार में भाग लेने आए थे। टीम ने उनसे कई घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद हिदायत देकर छोड़ा कि जब उन्हें पूछताछ के लिए लखनऊ बुलाया जाए आना होगा। वैज्ञानिक के लैपटॉप और मोबाइल जब्त कर जांच के लिए लखनऊ भेजे गए हैं। इनकी जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि कानपुर में तैनात वैज्ञानिक की क्या भूमिका है। कार्रवाई में एटीएस आगरा यूनिट प्रभारी इंस्पेक्टर आलोक सिंह, इंस्पेक्टर सुशांत गौड़, संजय, निर्भाल सिंह, रविंद्र और जगदीश शामिल रहे।