- रोडवेज को लगा रही थीं चूना, कानपुर व वाराणसी के बीच चलती हैं गाडि़यां

-सीओ ट्रैफिक ने की कार्रवाई, कई तो टैक्सी कोटे में भी नहीं रजिस्टर्ड

ALLAHABAD: बस अड्डों के बाहर बने 'टैक्सी अड्डों' पर सोमवार को ट्रैफिक पुलिस का डंडा चला। सीओ ट्रैफिक अलका भटनागर ने सिविल लाइंस व जीरो रोड बस स्टेशन के बाहर सवारियों को भर रही एक दर्जन गाडि़यों को सीज कर दिया। इसमें से कई गाडि़यां ऐसी थीं जिसका रजिस्ट्रेशन भी टैक्सी कोटे में नहीं था।

पुलिस को देखते ही भागे

अभियान सोमवार सुबह आठ से नौ बजे के बीच चला। रोडवेज से अक्सर शिकायतें आ रही थीं कि बस स्टेशन के बाहर से प्राइवेट गाडि़यां सवारियों को ढोती हैं। सुबह जैसे ही सीओ की गाड़ी आकर रुकी, हड़कंप मच गया। आसपास से गई गाडि़यों को लेकर ड्राइवर भाग निकले। 11 गाडि़यां ट्रैफिक पुलिस के हत्थे चढ़ गई। सिविल लाइंस से पकड़ी गई सारी गाडि़यों को ट्रैफिक पुलिस लाइन में सीज किया गया है। इसमें टवेरा, इंडिगो व बोलेरो शामिल हैं। सिविल लाइंस से लखनऊ व वाराणसी रूट की सवारियों को हाईजैक किया जाता है। एक गाड़ी को जीरो बस स्टेशन के पास से पकड़ा गया।

रामबाग भी है बड़ा अड्डा

रामबाग में बाई का बाग चौराहा व चंद्रलोक सिनेमा हॉल के पास का इलाका भी डग्गामारी का बड़ा अड्डा है। जीरो रोड बस स्टेशन की सवारियों को चौराहे पर ही रोक लिया जाता है। चंद्रलोक के पास से यमुनापार या एमपी की सवारियों को हाईजैक कर लिया जाता है। रोडवेज से कम किराए में सफर का लालच देकर लोगों को रोका जाता है। सवारियां ढोने का काम बसों के साथ ही छोटी चार पहिया गाडि़यों से भी किया जाता है। रोडवेज को चूना लगाने के खेल लोकल पुलिस के साथ ही ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की शह पर चलता है। डग्गामार गाडि़यों का बकायदा महीना बंधा होता है। अलोपीबाग बैरियर, चौफटका क्रासिंग से भी डग्गामारी होती है।

ओवर स्पीडिंग पर कार्रवाई

ट्रैफिक पुलिस ने सुबह डग्गामार गाडि़यों के खिलाफ अभियान चलाया तो शाम को नैनी के नए पुल पर फर्राटा भरने वालों की खबर ली गई। ओवर स्पीडिंग, ट्रिपल राइडिंग व बिना हेलमेट के ड्राइव करने पर पुल पर 115 गाडि़यों का चालान किया गया व छह को सीज किया गया। 22 हजार रुपए से अधिक जुर्माना भी वसूला गया। पुल पर कई गाडि़यां निर्धारित रफ्तार से काफी तेज चल रही थी। अभियान का असर यह पड़ा कि शाम को तफरीह करने वालों का पुल पर जमावड़ा नहीं लगा। अभियान रात सात बजे तक चला।