चौबीस घंटे बाद भी कातिलों को नहीं गिरफ्तार कर सकी पुलिस

कम समय में एनईआर डिविजन में बना ली थी अपनी बेहतर जगह

शिवांन, मऊ, रायबरेल, झूंसी मढंवाडीह में चल रहें थे करोड़ों के काम

ALLAHABAD: झूंसी में अपनी साइट से लौट रहे रेलवे ठेकेदार प्रताप सिंह को बीतीरात अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना को हुए 24 घंटे का वक्त बीत चुका है। फिर भी पुलिस हत्यारों तक नहीं पहुंच सकी है। मृतक के बड़े भाई प्रवीन सिंह ने झूंसी थाने में तहरीर देकर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया है। उधर मंगलवार को पोस्ट मार्टम होने के बाद डेड बाडी घर पहुंची तो परिजनों में कोहराम मच गया। घर के बाहर पड़ोसियों की भीड़ लग गई। घटना के बाद पुलिस व क्राइम ब्रांच की टीम ने मौके का मुवायना किया गया है।

करोड़ो का बना लिया था साम्राज्य

सिविल लाइंस क्लाइव रोड पर रहने वाले प्रताप सिंह अपने दोस्त पिंकू गुप्त की हत्या में गवाह थे। हत्या के बाद कई वर्षो से मामला कोर्ट में चल रहा है। गवाही को लेकर कई बार प्रताप को धमकी भी दी गई थी। हालांकि दोस्त की मौत से गमगीन प्रताप ने कुछ वर्षो के लिए अपना काम बंद कर दिया था। लेकिन धीरे धीरे उन्होंने एनईआर डिविजन में रेलवे के छोटे छोटे ठेके को लेना शुरू किया। वक्त ने उनका साथ दिया और कुछ ही वर्षो में वे रेलवे का करोड़ों रुपए का टेंडर लेना शुरू कर दिए। इस वक्त उनका कई शहरों में काम चल रहा था। इनमें झूंसी में ढाई करोड़ रुपए, शिवांन व मऊ को मिलाकर 4.50 करोड़, राय बरेली में ढाई से तीन करोड का काम लिया था। इसके बाद कुछ महीने में ही प्रताप सिंह ने देवरिया की एक बड़ी फर्म के खिलाफ जाकर करीब 5.56 करोड़ रुपए का एक बड़ा काम लिया था। सूत्रों की माने तो रेलवे ठेकेदारी में कुछ ही समय के अंदर प्रताप सिंह ने एक अपना अलग मुकाम बना लिया था। जिसकी वजह से वह पूर्वाचल की एक बड़ी फर्म के मालिक की नजर में खटने लगे थे।

शक के दायरे में निरंजन

कैंट का रहने वाला पिंकी गुप्ता एमईएस का काम किया करता था। प्रताप सिंह से उसकी काफी करीबी थी। कुछ साल पहले ही पिंकी की पुलिस लाइन के निकट गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त जेल में बंद नीरज बाल्मिकी ने पिंकी से रंगदारी मांगी थी, न देने पर उसने हत्या करा दिया था। इस मामले में प्रताप लगातार पैरवी कर रहे थे। वहीं पुलिस सूत्रों के अनुसार नीरज बाल्मिकी को इस केस से जोड़कर देखा जा रहा है। पुलिस को शक है कि नीरज गवाही को लेकर प्रताप सिंह की हत्या करा सकता है। क्योंकि कई बार उसने प्रताप सिंह को धमकी भी दिया था। इस वक्त वह जेल से बाहर और फरार चल रहा है।

अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज

घटना के बाद मृतक के बड़े भाई प्रवीन सिंह ने झूंसी थाने में बाइक सवार अज्ञात हमलावरों के खिलाफ तहरीर दी है। जिस पर स्थानीय पुलिस ने हमलावारों के खिलाफ केस दर्ज कर खोजबीन शुरू कर दी है। उधर बीती रात हुई इस घटना के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने कई बार घटना स्थल का मौका मुवायना किया है। फिलहाल टीम को कुछ खास सबूत हाथ न लगने की बात बतायी गई है। वहंी स्थानीय लोगों का कहना है कि घटना के बाद मृतक की गाड़ी से कारतूस खोखे बरामद हुए हैं। वहंी इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या घटना स्थल पर कोई बाइक मौजूद थी या फिर नहीं, यह बिन्दु भी एक जांच का विषय है।