समस्या

साइबर क्राइम के केसों में पुलिस सुस्त

एक्सप‌र्ट्स नहीं हैं, कैसे पकड़ें अपराधी

- कई थानों में लंबित हैं आईटी एक्ट के दर्जनों मामले

- पुलिस की धीमी चाल से नहीं मिल रही जालसाजों को सजा

Meerut: पुलिस महकमा आधुनिक तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर बढ़ने की कोशिश कर रहा है। लेकिन साइबर क्राइम पर नकेल कसने में पुलिस की रफ्तार बेहद धीमी है, यही वजह है कि थानों पर आइटी एक्ट के मुकदमे लंबित पड़े हैं। इनमें खासकर एटीएम फ्रॉड की घटनाएं बेहद तेजी से बढ़ रही हैं। साथ ही फेसबुक पर फेक आईडी बनाकर ब्लैकमेल करने की घटनाएं सर्वाधिक पाई गई हैं। नटवर लाल जितनी तेजी से फ्रॉड कर रहे पुलिस उतनी तेजी से उन्हे सजा नहीं दे पा रही है।

फेसबुक पर फेक आईडी

विभागीय जानकारी के मुताबिक जनवरी से सितंबर तक साइबर सेल में कुल 75 शिकायतें आई। जिनमें से 47 शिकायतें फेसबुक पर फेक आईडी बनाकर ब्लैक मेल करने की हैं। इसके अलावा 20 शिकायतें एटीएम फ्रॉड की हैं। इसके अलावा अन्य शिकायतें हैं।

नहीं है एक्सपर्ट

थानों में साइबर एक्सपर्ट की कमी होने से ज्यादातर मामलों की विवेचना अधूरी पड़ी हुई है, जबकि डीजीपी ने हर थाने में एक एसआई लेवल के अधिकारी को साइबर क्राइम की ट्रेनिंग लेने के निर्देश दिए थे। ताकि आईटी एक्ट के मुकदमों की विवेचना कराई जा सके। लेकिन आज भी मेरठ के ज्यादातर थानों में साइबर क्राइम विशेषज्ञ नहीं हैं। जिसके चलते मामले लंबित पड़े हुए हैं। अभी भी पुलिस ऐसे मामलों में साइबर क्राइम सेल की मदद लेती है।

वर्जन

पुलिस कर्मियों को एक्सपर्ट द्वारा समय-समय पर आईटी एक्ट की ट्रेनिंग दिलाई जाती है। इसके बाद भी मामले लंबित पड़ें हैं तो थानेवार लिस्ट बनवाई जाएगी।

-अजय सहदेव, एसपी क्राइम