-जब महाठग ने परिवार को जयपुर से लौटाया तो पुलिस परिवार को पकड़कर लायी

-11वीं फेल ने सैकड़ों पढ़े-लिखे लोगों को लगाया है करोड़ों का चूना

BAREILLY : 300 करोड़ की ठगी करने वाला महाठग पुलिस से दो कदम आगे ही चल रहा है। बरेली से 9 जुलाई को निवेशकों का पैसा लेकर परिवार के साथ भागा महाठग 15 दिनों में 10 शहरों में अपना ठिकाना बदला। पुलिस उसके पीछे-पीछे उसके ठिकाने तक पहुंच तो गई, लेकिन वह पहले ही चकमा देकर फरार हो गया। अंत में जयपुर में उसने परिवार से झगड़ा करने के बाद उन्हें कुशीनगर वापस भेज दिया। जिसके बाद पुलिस उसके पिता रामदेव मौर्या, भाई दिनेश की पत्‌नी संजोली सक्सेना और चचेरे भाई रामकिशोर को वेडनसडे रात पकड़कर बरेली ले आयी। राजेश को 7 जुलाई को निवेशकों के 80 लाख रुपए बांटने थे, लेकिन रुपयों का इंतजाम न होने पर सैकड़ों लोगों ने उसके घर को घेर लिया था। अपनी और अपने परिवार की जान का खतरा देख कर वह 9 जुलाई को बहन की शादी का बहाना बनाकर फरार हो गया था। थर्सडे को क्राइम ब्रांच ने ठग के परिजनों से बारादरी में जाकर पूछताछ की।

23 जुलाई को परिवार छोड़ा

पुलिस पूछताछ में परिजनों ने बताया कि गंगा इंफ्रासिटी कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश मौर्या 11 वीं फेल है, लेकिन उसने पढ़े-लिखे सैकड़ों लोगों को प्रॉपर्टी में इनवेस्ट कर जल्द अमीर बनने का ख्वाब दिखाकर करोड़ों का चूना लगा दिया। उसने आगरा में आरएसएस की ट्रेनिंग ली और बड़ा बाजार संघ कार्यालय में दो वर्ष तक अपनी सेवाएं भी दीं। बारादरी थाने में थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच की अलग-अलग पूछताछ में उन्होंने बताया कि राजेश उन्हें 23 जुलाई को जयपुर में छोड़कर भाग गया था। उसके बाद से न तो उससे बातचीत हुई और न उसका कोई पता है कि वह कहां है।

रात होटल में, दिन टैक्सी में

निवेशकों को घेरने के बाद 9 जुलाई को सभी सबसे पहले कार से हल्द्वानी गए। वहां से नोएडा, गुरुग्राम, रोहतक, लखनऊ, कुशी नगर, गोरखपुर, इलाहाबाद, कानपुर और जयपुर पहुंचे। सभी शहरों में वह टैक्सी से ही जाते थे। रात में होटल में रुकते थे और फिर सुबह वहां से दूसरे शहर को निकल लेते थे, ताकि पुलिस उन्हें पकड़ न सके। वहीं अपने दो वर्ष के बेटे से दूर संजोली से जब पूछताछ हुई तो वह फफक पड़ी। उसका कहना था कि उसने तो दिनेश से लव मैरिज की थी। वह तो हरियाणा के ग्रामीण बैंक में क्लर्क की नौकरी करती थी और बरेली तो कभी-कभी आती थी। जब वह हरियाणा में थे तो संजोली ने साथ जाने से मना किया था तो राजेश ने बताया था कि क्राइम ब्रांच के साथ कुछ निवेशक आ रहे हैं, जिन्हें तुम्हारी नौकरी के बारे में पता है। वह तुम्हे और तुम्हारे बच्चे को मार डालेंगे। संजोली का दो वर्ष का बेटा दादी के पास है। उसने मनोज की पत्‌नी शकुंतला का नाम लिया है।

टैक्सी नंबर से पुलिस करती रही पीछा

जब क्राइम ब्रांच की टीम ने महाठग का पीछा करना शुरू किया तो पुलिस उसके ठिकानों तक टैक्सी के नंबर से पहुंचती थी। पुलिस टैक्सी नंबर से ट्रेव‌र्ल्स को फोन कर गाड़ी की बुकिंग का पता करती थी और फिर उसके जरिए होटल तक पहुंचती थी, लेकिन वह कुछ घंटे बाद ही अपना ठिकाना बदल देता था, जिससे पुलिस हमेशा खाली हाथ ही रह जाती थी।

ऑनलाइन पढ़ रहा बरेली की खबरें

पुलिस की जांच में आया है कि महाठग पुलिस से आगे इसलिए निकलता जा रहा है, क्योंकि वह बरेली के अखबारों के ई-पेपर पढ़ रहा है। जिससे उसे पता चल जाता है कि पुलिस का क्या मूवमेंट है। वह अपना फोन स्विच ऑफ रखता है और ईमेल आईडी भी बंद कर रखी है। वह फोन पर बात सिर्फ व्हाट्सएप के जरिए ही कर रहा था, ताकि पुलिस को लोकेशन न मिल सके। जब संजोली को बैंक से मेल से नोटिस आया तो उसने राजेश से जवाब देने के लिए कहा था, लेकिन उसने जवाब नहीं देने दिया था।

करोड़ों की जमीन खरीदी

पुलिस जांच में आया कि राजेश ने करोड़ों रुपए की जमीन खरीदी। उसने 8 लाख रुपए प्रति बीघा के रेट से 70 बीघा जमीन खरीदकर प्लाटिंग की थी। उसने डोहरा रोड पर 17 बीघे की जमीन का भी सौदा किया था। एडवांस में 18 लाख दिया था लेकिन रजिस्ट्री होने से पहले ही लोगों ने हंगामा कर दिया। उसका सतीपुर वाला मकान की कीमत भी करीब 2 करोड़ की बताई जा रही है।

कई निगम कर्मी भी ठगी के शिकार

राजेश के पिता ने बताया कि उनके बेटे ने बड़ी संख्या में एजेंसी बांटी थी। जिसमें एकराम मौर्य को करीब 27 एजेंसी थी। मोहनलाल व विजय मौर्य के पास 15-15 एजेंसिया हैं। तीनों ने करोड़ों रुपये कंपनी के नाम पर डकार लिये। मोहनलाल तो 80 लाख की कार से चलता है। राजेश के पिता नगर निगम से रिटायर्ड हैं। जब रामदेव के पकड़े जाने की खबर मिली तो नगर निगम के जाबिद, उजमा व अन्य पहुंचे। उन्होंने बताया कि रामदेव उनके साथ कई नगर निगम कर्मचारियों के साथ भी ठगी की है।

कहां है रुपया पता नहीं

निवेशकों की मानें तो वह अपने साथ करीब 3 करोड़ रुपए लेकर भागा है लेकिन पुलिस हिरासत में आए परिजनों ने बताया कि उसके पास सिर्फ 7 से 8 लाख रुपए ही होंगे। पुलिस को जो होटलों की सीसीटीवी फुटेज में दो बैग दिखे हैं, उनमें सिर्फ कपड़े थे।

एसपी क्राइम से मिले निवेशक

वहीं संत सच्चा सतराम दास साहेब एसोसिएशन के नेतृत्व में निवेशक पुलिस लाइंस के गेस्ट हाउस में एसपी क्राइम से मिले। संस्था के प्रदेश अध्यक्ष सुनील खत्री ने एसपी क्राइम से कहा कि पुलिस ने पिता, समेत तीन को तो पकड़ लिया लेकिन उसके भाई मनोज, उसकी पत्‌नी शकुंतला और मां द्रोपदी को क्यों नही पकड़ा है। उन्होंने सभी के नाम एफआईआर में खोलने की मांग की। इसके अलावा अलग-अलग केस में अलग-अलग एफआईआर की भी मांग की।