पुलिस चाहती कि सीएम के सामने न आए 'गैंगरेप' की सच्चाई

घूरपुर में गैंगरेप की शिकार बालिका को जबर्दस्ती पहुंचा दिया गया घर

ALLAHABAD: दो दिन के दौरे पर संगम नगरी पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार की सुबह शहर भ्रमण पर निकलेंगे। वे कहां जाएंगे? किससे मिलेंगे? किस विभाग, कार्यालय या हॉस्पीटल का निरीक्षण करेंगे? कुछ क्लीयर नहीं है। उनके सामने कुछ भी ऐसा न पड़े जिससे उनका मूड खराब हो, इसके लिए अफसरों ने हर जतन करने की भरपूर कोशिश की है। इसी हाई एलर्टनेस का इम्पैक्ट है कि घूरपुर में गैंगरेप का शिकार बनी बालिका को जबरन घर भेज दिया गया। पुलिस के साथ अस्पताल प्रशासन का रवैया देखकर पीडि़ता के परिजन शाक्ड रह गए।

घर से उठा ले गए थी वहशी

पिछले हफ्ते घूरपुर थाना क्षेत्र के बुदावां गांव में गैंगरेप की घटना सामने आई थी। हाईवे के किनारे स्थित घर से करीब आठ साल की इस बालिका को चार लोग उठा ले गए और गैंगरेप के बाद अधमरी अवस्था में सड़क के किनारे छोड़कर गायब हो गए। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों का पारा चढ़ गया तो पुलिस एक्टिव हुई और बालिका को डफरिन हॉस्पीटल में भर्ती कराया। तभी से इस बच्ची का इलाज चल रहा है। इस मामले में पुलिस अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। 25 मई से अस्पताल में पड़ी थी। बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना में भारतीय दंड संहिता की धारा 452, 363, 504, 506 और पोक्सो में चार अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।

आरक्षियों के साथ पहुंची नर्स

पुलिस वालों ने पहुंचा दिया घर

बच्ची का ट्रीटमेंट चल ही रहा था कि सीएम योगी आदित्यनाथ के इलाहाबाद पहुंचने से पहले दोपहर करीब दो बजे अचानक महिला डॉक्टर बच्ची की मां के पास पहुंची और कहा अब बच्ची ठीक है। इसे घर ले जाईए। डॉक्टर ने बच्ची की मां को पर्ची पकड़ाया। इसी बीच एक महिला कांस्टेबल के साथ दो सिपाही पहुंचे। जिन्होंने एक ऑटो बुलाया और बच्ची व उसकी मां को लेकर बुदावां गांव स्थित घर पहुंचा दिया। बच्ची को घर पहुंचाने के बाद महिला कांस्टेबल और दो सिपाही घर के बाहर ही सुरक्षा में तैनात कर दिए गए हैं। बगैर जांच-पड़ताल के किसी को अंदर जाने नहीं दे रहे हैं।

हमसे कहा गया कि बच्ची ठीक हो गई है घर ले जाइए। खुद ही आटो बुलवाए और उसके बैठा दिया। पुलिसवाले भी साथ थे। सब ठीक था तो घर के बाहर पुलिस का पहरा काहे बैठाया है।

पीडि़ता की मां