- एएसपी व डीएसपी नहीं कर सकेंगे जांच ट्रांसफर, डीजीपी ने जारी किया सख्त आदेश

- सिर्फ एसएसपी एक ही बार कर सकेंगे जांच ट्रांसफर

BAREILLY: पुलिस विभाग में किसी केस की जांच को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करने का खेल अब नहीं हो सकेगा। ट्रांसफर कर गलत फायदा उठाने के मामलों को डीजीपी ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी आईजी व डीआईजी को इस संबंध में सख्त आदेश जारी किया है। आदेश में लिखा है कि एएसपी व डीएसपी किसी भी मामले की जांच ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे। सिर्फ एसएसपी ही केवल एक बार जांच दूसरे थाने या यूनिट में ट्रांसफर कर सकेंगे। यही नहीं आरोपियों के कहने पर जांच ट्रांसफर नहीं की जाएगी।

कई डिस्ट्रिक्ट में किया जा रहा है खेल

डीजीपी के संज्ञान में आया कि कई डिस्ट्रिक्ट में एएसपी अपने लेवल पर विवेचनाएं एक थाने से दूसरे थाने या फिर यूनिट में ट्रांसफर कर दे रहे हैं। कई डिस्ट्रिक्ट में तो केस की जांच कई बार ट्रांसफर की जा रही है। कुछ डिस्ट्रिक्ट में आरोपियों के कहने पर भी केस की जांच ट्रांसफर की जा रही है। ऐसा किसी फायदे के लिए किया जा रहा है। इससे पीडि़त अपने पक्ष में जांच करवा लेते हैं तो आरोपी भी इसका फायदा उठा लेते हैं।

दो माह में करनी होगी जांच पूरी

डीजीपी ने सख्त निर्देश जारी किया है कि किसी भी डिस्ट्रिक्ट में एसपी सिटी व एसपी रूरल और सीओ अपने लेवल पर केस की जांच ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे। केस की जांच सिर्फ जिले के कप्तान ही केवल एक बार कर सकेंगे। आरोपियों के कहने पर जांच ट्रांसफर नहीं होगी। जांच ट्रांसफर करने पर आदेश की कापी डीआईजी को भी भेजनी होगी। हीनियस क्राइम की जांच दो महीने और नार्मल केस की जांच एक महीने में पूरी कर ली जाएगी। ट्रांसफर की गई जांचों का रिकार्ड भी मेनटेन किया जाएगा। अगर टाइम में जांच पूरी नहीं होती है तो डीआईजी, एसएसपी का स्पष्टीकरण लेकर रिपोर्ट आईजी को भेजेंगे।

दूसरे डिस्ट्रिक्ट में जांच ट्रांसफर सिर्फ कर सकेंगे डीआईजी

एक डिस्ट्रिक्ट से दूसरे डिस्ट्रिक्ट में जांच ट्रांसफर डीआईजी सिर्फ एक बार ही कर सकेंगे और उन्हें आईजी को इसकी कॉपी भेजनी होगी। डीजीपी ऑफिस और आईजी ऑफिस से केस की जांच ट्रांसफर नहीं की जाएंगी। अगर जांच पर संदेह होने पर ऐसा करना होता है तो इसकी मॉनिटरिंग आईजी क्राइम करेंगे। अगर दोबारा केस की जांच ट्रांसफर कराना जरुरी होगा तो डीआईजी और आईजी की राय लेकर डीजीपी से इसकी परमीशन लेनी होगी और इसके लिए कारण भी देना होगा। सभी ट्रांसफर की गई जांचों की इंफारमेशन तीन महीने में आईजी एक प्रारूप में तैयार कर डीजीपी को भेजेंगे।