राजधानी के थानों में दर्ज नहीं की जाती है मोबाइल चोरी की एफआईआर

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PATNA (2 April): पटना में कभी कोई मोबाइल नहीं छीना जाता है और न ही चोरी होती है. जानकर आश्चर्य हुआ लेकिन पटना पुलिस के रिकार्ड की हकीकत यही बयां करती है. आप भी सोचेंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है. पटना में हर दिन कई मोबाइल चोरी होते हैं फिर पुलिस के रिकार्ड में दर्ज क्यों नहीं होते? दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब तीन थानों का स्टिंग ऑपरेशन किया तो आम आदमी का दर्द और पुलिस की गैर जिम्मेदारी सामने आई. जब कोई मोबाइल चोरी की रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंचता है तो उसे सनहा देने को कहा जाता है. हैरानी वाली बात ये है कि जब आप कहते हैं कि हम तो पढ़-लिखे नहीं है, शिकायत में क्या लिखे. इसके बाद एक फार्मेट दिया जाएगा. उसमें चोरी नहीं, मोबाइल गुम होने का जिक्र है. आखिर ऐसा क्यों करती है पुलिस?

थाना बुद्धा कॉलोनी

बुद्धा कॉलोनी थाने में पीआरओ का डेस्क खाली था. पास में ही एक महिला और पुरूष पुलिसकर्मी बैठकर काम कर रहे थे. रिपोर्टर ने पहुंचते ही कहा कि मोबाइल चोरी की शिकायत करवानी है तब एक सिपाही ने कहा बैठिए, सर अभी आते होंगे. करीब 10 मिनट बैठने के बाद एसआई उमेश कुमार वहां पर आए. रिपोर्टर ने उनसे बात की.

रिपोर्टर : सर ! मेरा मोबाइल चोरी हो गया है.

पुलिस : कहां से मोबाइल चोरी हुआ है ?

रिपोर्टर : सर ! यहीं थाने के पीछे सब्जी खरीद रहा था. इस दौरान किसी ने निकाल लिया.

पुलिस : तुम्हे कैसे पता कि मोबाइल किसी ने निकाल लिया. कहीं गिर भी तो सकता है.

रिपोर्टर : सर चोरी ही हुआ है. आप तो मुकदमा दर्ज करिए.

पुलिस : ऐसा नहीं होता है. मोबाइल में मुकदमा दर्ज नहीं होता. सनहा दर्ज हो जाएगा.

थाना पीरबहोर

रिपोर्टर जब पीरबहोर थाने पहुंचा तो वहां पर करीब एक दर्जन लड़के इकट्ठा थे. उनकी आपस में लड़ाई हुई थी. 10 मिनट तक उनकी बातें सुनने के बाद जब रिपोर्टर पीआरओ चैंबर पर पहुंचा तो वहां पर एसआई वरुण कुमार सिंह बैठे थे. उनसे बातचीत हुई और वो हर बार ये यही कह रहे थे कि शिकायत में मोबाइल खोने की बात लिखना, चोरी होने की नहीं.

रिपोर्टर : सर ! मेरा मोबाइल चोरी हो गया है.

पुलिस : एक शिकायत दे दो और शिकायत में लिखना खो गया है.

रिपोर्टर : सर ! मेरा मोबाइल खोया नहीं है चोरी हुआ है.

पुलिस : फिर इसमें लंबी प्रक्रिया है.

रिपोर्टर : क्या लंबी प्रक्रिया है सर, आप तो मुकदमा दर्ज कर दीजिए.

पुलिस : ऐसा नहीं होता है. इसमें तो सिर्फ सनहा ही दर्ज होता है.

थाना गांधी मैदान

रिपोर्टर जब गांधी मैदान थाने पहुंचा तो वहां पर पीआरओ की सीट खाली थी. वहां पर मौजूद गार्ड ने कहा कि अंदर चले जाइए. एसएचओ चैंबर में किसी से बात कर रहे थे. मुंशी के कमरे में पहुंचते ही रिपोर्टर ने जब मोबाइल चोरी होने की बात कही तो वहां पर बैठे सभी पुलिसकर्मी यह साबित करने में जुट गए कि मोबाइल चोरी नहीं हुआ बल्कि खोया होगा.

रिपोर्टर : मुझे एफआईआर दर्ज करानी है.

पुलिस : किस मामले में कराना है ?

रिपार्टर : मेरा मोबाइल चोरी हो गया है.

पुलिस : आपको कैसे पता कि चोरी हुआ है.

रिपोर्टर : मैं वहां जूस पी रहा था. मुझे ऐसा लगता है किसी ने निकाल लिया है.

पुलिस : ये तो आपकी लापरवाही है.

रिपोर्टर : आप मुकदमा दर्ज कर लीजिए.

पुलिस : सनहा ही दर्ज होगा. एक फार्म लो और भर के जमा कर दो.