- रेलवे की जांच में पकड़े जाते दरोगा- कांस्टेबल

- फाइलों में दबी रह गई जांच-कार्रवाई की व्यवस्था

GORAKHPUR: ट्रेन में बिना टिकट पैसेंजर्स पर शिकंजा कसने वाले रेलवे अधिकारी वर्दी वालों से हार गए हैं। रेलवे के कॉमर्शियल डिपार्टमेंट की जांच में रोजाना बेटिकट पुलिस कर्मचारी पकड़े जा रहे हैं। लेकिन इनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो पा रही। बेटिकट पुलिस कर्मचारी रौब जमाकर रिजर्वेशन वाले डिब्बों में भी आराम से सफर कर ले रहे हैं। ट्रेन में वर्दी का रौब दिखाकर बिना टिकट सफर करने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश आईजी नीलाब्जा चौधरी ने दिया था। आईजी का आदेश रद्दी की टोकरी में फेंककर पुलिस कर्मचारी बेधड़क सफर कर रहे हैं। एनईआर के सीपीआरओ ने बताया कि ट्रेनों की चेकिंग का अभियान चलाया जा रहा है। पुलिस कर्मचारियों की हरकत को देखते हुए आईजी को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए अवगत कराया जाएगा।

वर्दी की धौंस से सहम जाते आम यात्री

ट्रेनों में अक्सर वर्दी पहने पुलिस कर्मचारी बिना टिकट सफर करते हैं। आमतौर पर टीटीई-कोच कंडक्टर उनकी जांच पड़ताल नहीं करते। अलबत्ता, कभी बस रेड होने पर पूछताछ होती है। अक्सर खुद को पुलिस कर्मचारी बताकर वह टिकट नहीं दिखाते हैं। ऐसे में जांच टीम भी उनको नजरअंदाज करके आगे बढ़ जाती है। बिना टिकट यात्रा करने वालों में एसआई, दरोगा, एचसीपी, दीवान, सिपाही और होमगा‌र्ड्स शामिल होते हैं। पुलिस कर्मचारियों के बिना टिकट सफर करने को आईजी नीलाब्जा चौधरी ने गंभीरता से लिया था। उन्होंने देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर और गोरखपुर के पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था। ऐसे पुलिस कर्मचारियों की वजह से विभाग की छवि धूमिल होने का हवाला देते हुए एसपी, सीओ सहित अन्य को कभी-कभी जांच के लिए कहा था। लेकिन आईजी के आदेश का अनुपालन नहीं हो सका। जबकि यह निर्देश एडीजी कानून-व्यवस्था की ओर से पूरे प्रदेश के लिए जारी किया गया था।

आम यात्रियों को क्या होती प्रॉब्लम

- पुलिस कर्मचारी बेटिकट यात्रा करके रेलवे को नुकसान पहुंचाते हैं।

- कोच में दूसरे यात्रियों के रिजर्व बर्थ पर बैठने से अक्सर बवाल होता है।

- यात्रियों के विरोध करने पर पुलिस कर्मचारी धौंस जमाकर दु‌र्व्यवहार करते हैं।

- पुलिस कर्मचारियों के व्यवहार से आमजन में वर्दी की छवि खराब होती है.,

जांच में पकड़े जा रहे पुलिस वाले

एनई रेलवे के कॉमर्शियल डिपार्टमेंट की टीम बेटिकट यात्रियों के खिलाफ सघन जांच अभियान चला रही है। किसी न किसी रेलखंड पर होने वाली जांच में अक्सर 5 से 10 पुलिस कर्मचारी बिना टिकट पकड़े जाते हैं। दो दिन पूर्व जांच के दौरान गोरखपुर लखनऊ इंटरसिटी में बिना टिकट सफर करते हुए 86 लोग पकड़े गए। इनमें 10 पुलिस कर्मचारी भी शामिल थे। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि आमतौर पर पुलिस कर्मचारियों से टोकाटाकी नहीं होती। इसलिए उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाती। जनवरी माह से लेकर 15 जुलाई तक करीब ढाई सौ पुलिस कर्मचारी बिना टिकट पकड़े जा चुके हैं। गोरखपुर जोन हेडक्वार्टर होने की वजह से आसपास जिलों में तैनात पुलिस कर्मचारी ज्यादा सफर करते हैं। डॉक पहुंचाने, मुल्जिम पेशी पर ले जाने, दूसरे जिलों में ड्यूटी पर जाने, शहर में मकान होने सहित कई कारणों से पुलिस कर्मचारियों को ट्रेन से आवागमन करना पड़ता है।

वर्जन

बेटिकट यात्रियों के खिलाफ जांच अभियान चलाया जा रहा है। बेटिकट सफर करने वाले पुलिस कर्मचारियों के संबंध में आईजी को पत्र लिखा जाएगा। कई बार पुलिस कर्मचारियों की हरकत से रिजर्वेशन कराकर चलने वाले पैसेंजर्स को असुविधा का सामना करना पड़ता है। कुछ पुलिस कर्मचारी जनरल टिकट लेकर स्लीपर या एसी कोच में घुस जाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए कार्रवाई की जाएगी।

- संजय यादव, सीपीआरओ, एनईआर